नयी दिल्ली, 16 अप्रैल (भाषा) लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार को उद्योग जगत से विकास का ऐसा मॉडल अपनाने का आग्रह किया जो समावेशी हो और अनुसंधान, नवोन्मेष तथा दूरदर्शी उद्यम की भावना पर आधारित हो।
बिरला ने उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की 120वीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार की ‘विकासोन्मुखी नीतियां’ उद्योग को नई ऊर्जा प्रदान कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि भारत में वर्तमान समय आर्थिक सशक्तीकरण और नवोन्मेष का है।
बिरला ने ‘विकसित भारत 2047′ की रूपरेखा का जिक्र करते हुए कहा कि देश की व्यापार नीति आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण में गहराई से निहित है और वैश्विक मंच पर इसके बढ़ते कद को दर्शाती है।
उन्होंने कहा कि औद्योगिक नीतियों का सरलीकरण, पारदर्शी और निवेशक-अनुकूल कर व्यवस्था और एक ही जगह पर सभी प्रकार की मंजूरी प्रणाली को अपनाने से देश में उद्यमशीलता की भावना को काफी बढ़ावा मिला है।
बिरला ने कहा कि समकालीन भारत वैश्विक निवेशकों के लिए एक प्रकाश स्तंभ के रूप में उभरा है। एक ऐसा देश जहां व्यापार करने में आसानी केवल एक आकांक्षा नहीं है, बल्कि एक वास्तविकता है।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि राष्ट्र तेजी से उपभोक्ता-संचालित अर्थव्यवस्था की अपनी पारंपरिक भूमिका से आगे बढ़कर नवोन्मेष और कौशल के जीवंत स्थल के रूप में उभर रहा है।
उन्होंने भारतीय उद्यमों के परिवर्तनकारी योगदान विशेष रूप से स्टार्टअप के गतिशील परिवेश की सराहना की, जो अपने नए दृष्टिकोण और अभूतपूर्व विचारों के साथ सतत विकास का मार्ग प्रशस्त करने के साथ देश को वैश्विक महाशक्ति बनने का काम कर रहे हैं।
भाषा रमण अजय
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