नयी दिल्ली, 20 अगस्त (भाषा) भारत का खुदरा क्षेत्र 2030 तक लगभग 1,930 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच सकता है। इस क्षेत्र के सालाना 10 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है। डेलॉयट-फिक्की की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, इस बढ़ोतरी की सबसे बड़ी वजह देश का मजबूत घरेलू बाजार है, जो वैश्विक व्यापार में हो रहे उतार-चढ़ाव से भारत को बचाने में मदद करता है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत के खुदरा और उपभोक्ता क्षेत्र में बड़ा बदलाव आ रहा है। देश में घरेलू खरीदारी बढ़ रही है, डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल तेजी से हो रहा है, लोग महंगे और बेहतर उत्पादों की ओर बढ़ रहे हैं तथा शहरों के साथ-साथ छोटे और नए बाजारों में ई-कॉमर्स का विस्तार हो रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में भारत का खुदरा बाजार 1060 अरब डॉलर का था। युवा पीढ़ी की 250 अरब डॉलर की खर्च करने की क्षमता सहित, बढ़ती हुई क्रय शक्ति से घरेलू मांग को तो बढ़ावा मिल ही रहा है, साथ ही यह ब्रांड को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार करने का आत्मविश्वास भी दे रहा है।
डेलॉयट के विशेषज्ञ आनंद रमणनाथन ने कहा कि भारत में युवा और डिजिटल तकनीक जानकार आबादी, बढ़ती मध्यम वर्ग की ताकत, और छोटे शहरों का आर्थिक प्रभाव खुदरा क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है और ई-कॉमर्स लेनदेन का 60 प्रतिशत से ज़्यादा हिस्सा इन्हीं शहरों से आ रहा है।
भाषा योगेश अजय
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