नयी दिल्ली, दो अप्रैल (भाषा) भारत का विदेश व्यापार दुनिया में आर्थिक अस्थिरताओं के बावजूद चालू वित्त वर्ष (2023-24) में 1.6 लाख करोड़ डॉलर को पार कर सकता है। आर्थिक शोध संस्थान ‘जीटीआरआई’ ने एक रिपोर्ट में यह अनुमान जताया है।
‘ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनीशिएटिव’ (जीटीआरआई) ने कहा कि समाप्त हुए वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 1.6 लाख करोड़ डॉलर देश की नॉमिनल जीडीपी 3.4 लाख करोड़ डॉलर का लगभग 48 प्रतिशत होगा।
जीटीआरआई के सह-संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि व्यापार से जीडीपी का उच्च अनुपात भी व्यापार में ज्यादा खुलेपन की बात करता है, जो देश अपनाता है।
इसके आंकड़ों के विश्लेषण के अनुसार, सेवाओं के निर्यात में वृद्धि दर माल की तुलना में अधिक होगी।
श्रीवास्तव ने कहा कि माल निर्यात की अपेक्षाकृत सेवा निर्यात की ज्यादा वृद्धि दर ने देश के निर्यात के कुल प्रदर्शन में सुधार किया है।
बीते वित्त वर्ष के दौरान भारत का माल एवं सेवा का कुल निर्यात 755 अरब डॉलर रहने का अनुमान है। यह पिछले वित्त वर्ष यानी 2021-22 की तुलना में संभवत: 11.6 प्रतिशत अधिक होगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आलोच्य वित्त वर्ष में भारत का व्यापारिक निर्यात लगभग पांच प्रतिशत बढ़कर 442 अरब डॉलर और सेवाओं का निर्यात 22.6 प्रतिशत बढ़कर 311.9 अरब डॉलर होने का अनुमान है।
रिपोर्ट के अनुसार, “वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत का विदेशी व्यापार (वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात और आयात) 1.6 लाख करोड़ डॉलर (भारत की नॉमिनल जीडीपी के 3.4 लाख करोड़ डॉलर के 48 प्रतिशत) को पार करने का अनुमान है।”
वित्त वर्ष 2021-22 में भारत का विदेश व्यापार 1.43 लाख करोड़ डॉलर रहा था।
भाषा अनुराग रिया देवेंद्र
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