कोलकाता, 24 फरवरी (भाषा) मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था अब पुनरुद्धार के लिए तैयार है, लेकिन कच्चे तेल की ऊंची कीमत चिंता की बात है।
भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित एक वेब गोष्ठी में उन्होंने कहा कि देश में बैंकिंग क्षेत्र स्थिर है, पूंजी उपलब्ध है और ऋण लेने की स्थिति है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम महामारी के कारण अनिश्चित वृद्धि और उच्च मुद्रास्फीति का सामना करने वाले अकेले नहीं हैं। विकसित देश भी इसी समस्या का सामना कर रहे हैं।’’
आम बजट 2022-23 इस बात को ध्यान में रखकर बनाया गया है कि कच्चे तेल की कीमत 75 डॉलर प्रति बैरल के आसपास होगी, लेकिन रूस-यूक्रेन के बीच तनाव के चलते टेक्सास क्रूड की कीमत 96 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई है।
इस बारे में नागेश्वरन ने कहा, ‘‘भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसका असर इस बात पर निर्भर करेगा कि यह ऊंची कीमत कब तक बनी रहेगी।’’
उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति एक विश्वव्यापी समस्या है और ऐसा ढुलाई लागत में बढ़ोतरी तथा तेल की कीमतों में तेजी के कारण हुआ है।
भारत में इस समय मुद्रास्फीति की दर 5.2 प्रतिशत के आसपास है। उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष में इसे रिजर्व बैंक द्वारा तय चार से छह फीसदी के दायरे में रहना चाहिए।
सीईए ने कहा कि बाजार में सुधार आने लगा है और कुछ उद्योगों में गतिविधियां महामारी से पहले के स्तर को पार कर गई हैं, लेकिन सेवा क्षेत्र अभी तक ठीक नहीं हुआ है।
निजी निवेश के बारे में उन्होंने कहा कि खपत का स्तर बढ़ने पर इसमें तेजी आएगी।
बजट में मनरेगा के लिए कम आवंटन पर उन्होंने कहा कि यह मांग आधारित कार्यक्रम है। उन्होंने जोड़ा, ‘‘ऐसा यह उम्मीद करते हुए किया गया कि अर्थव्यवस्था ठीक हो जाएगी और मनरेगा कोष की मांग कम हो जाएगी। लेकिन, अगर कार्यक्रम की मांग है, तो इसके लिए धन उपलब्ध कराया जाएगा।’’
भाषा पाण्डेय अजय
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