मुंबई, 13 जून (भाषा) भारतीय कंपनियों ने मई में 190 लेनदेन में कुल 19.1 अरब डॉलर के ‘सौदे’ किए हैं। यह पिछले साल की समान अवधि की तुलना में दोगुना से ज्यादा है। इसमें आधे से ज्यादा हिस्सेदारी अडाणी समूह के सीमेंट कंपनी होल्सिम के 10.5 अरब डॉलर के अधिग्रहण सौदे की है।
ग्रांट थॉर्नटन भारत ने सोमवार को जारी अपनी रिपोर्ट में कहा कि विलय और अधिग्रहण, निजी इक्विटी और आईपीओ जैसी गतिविधियों का आंकड़ा मई, 2021 में 7.96 अरब डॉलर रहा था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल, 2022 की तुलना में मई के दौरान कुल सौदों के मूल्य में 59 प्रतिशत की कमी आई है। अप्रैल में निजी क्षेत्र की दो कंपनियों एचडीएफ़सी बैंक और एचडीएफसी लिमिटेड के बीच करीब 40 अरब डॉलर का विलय सौदा हुआ था।
रिपोर्ट के अनुसार, अडाणी समूह द्वारा होल्सिम से एसीसी और अंबुजा सीमेंट्स को खरीदने के अलावा मई, 2022 में रिलायंस और बोधि ट्री ने वियाकॉम18 में दो अरब डॉलर का निवेश किया था।
इसके अलावा आलोच्य माह के दौरान 10 करोड़ डॉलर से अधिक के 13 बड़े सौदे हुए। इनका मूल्य 5.1 अरब डॉलर बैठता है।
रिपोर्ट में कहा गया कि सौदों की संख्या मई में 190 रही, जो एक साल पहले के इसी महीने में 120 थी। वहीं, अप्रैल 2022 की तुलना में पिछले महीने देश में केवल तीन प्रतिशत अधिक सौदे हुए।
ग्रांट थॉर्नटन भारत की भागीदार शांति विजेता ने कहा, ‘‘सौदों की संख्या के लिहाज से मई में स्टार्टअप, ई-कॉमर्स और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र का हिस्सा सबसे अधिक रहा। वहीं मूल्य के हिसाब से विनिर्माण, मीडिया और मनोरंजन, ऊर्जा क्षेत्र का सबसे अधिक योगदान रहा।’’
इस दौरान विलय और अधिग्रहण के 11.9 अरब डॉलर के कुल 40 सौदे हुए।
भाषा जतिन अजय
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