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बुधवार, 2 जुलाई, 2025
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इंडियन बैंक ने कर्ज के लिए ब्याज घटाया, खाते में न्यूनतम राशि से जुड़े शुल्क से दी छूट

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नयी दिल्ली, दो जुलाई (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन बैंक ने बुधवार को एक वर्षीय कोष की सीमांत लागत आधारित उधारी दर (एमसीएलआर) 0.05 प्रतिशत घटाकर नौ प्रतिशत करने की घोषणा की।

इंडियन बैंक ने बुधवार को एक बयान में कहा कि नई दर तीन जुलाई से प्रभाव में आ जाएगी।

एक साल की एमसीएलआर वह मानक दर है जिसके आधार पर वाहन, व्यक्तिगत और आवास ऋण जैसे अधिकांश ऋणों के लिए ब्याज तय किये जाते हैं।

बयान के अनुसार, बैंक कर्ज को सस्ता करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी के तहत एक साल की एमसीएलआर में 0.05 प्रतिशत की कटौती की गयी है। इस कटौती के बाद एमसीएलआर आधारित ब्याज नौ प्रतिशत हो जाएगा।

इसके अलावा, बैंक ने सात जुलाई, 2025 से सभी बचत बैंक खातों के लिए न्यूनतम शेष राशि रखने से जुड़े शुल्क से पूरी तरह छूट देने की घोषणा की है।

इस कदम का उद्देश्य वित्तीय समावेश को बढ़ावा देना और समाज के सभी वर्गों के लिए बैंक को अधिक सुलभ और किफायती बनाना है। इस निर्णय से इंडियन बैंक के ग्राहकों को लाभ मिलेगा।

इस छूट से ज्यादा-से-ज्यादा व्यक्तियों, विशेष रूप से वंचित समुदायों के लोगों को बैंक प्रणाली से जुड़ने को लेकर प्रोत्साहित होने की उम्मीद है।

भाषा राजेश

इसके साथ बैंक ने सभी बचत बैंक खातों में न्यूनतम शेष राशि से जुड़े शुल्क से पूरी तरह से छूट देन का भी ऐलान किया।

बैंक ने बयान में कहा कि इस कदम का उद्देश्य वित्तीय समावेश को बढ़ावा देना और समाज के सभी वर्गों के लिए बैंक को अधिक सुलभ और किफायती बनाना है।

इस कदम से इंडियन बैंक के खाताधारकों की एक बड़ी संख्या को लाभ मिलने वाला है, जिसमें छात्र और वरिष्ठ नागरिक से लेकर छोटे व्यवसाय के मालिक और ग्रामीण ग्राहक शामिल हैं। इस छूट से अधिक व्यक्तियों, विशेष रूप से वंचित समुदायों के लोगों के बैंक प्रणाली से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित होने की उम्मीद है।

इसके अलावा, बैंक ने बैंक ने अपने एक वर्षीय कोष की सीमांत लागत आधारित उधारी दर में 0.05 प्रतिशत की कटौती की भी घोषणा की है। यह तीन यह 3 जुलाई, 2025 से 9.00% हो जाएगा। इस कटौती से ऋण पर कम ब्याज दर वाले उधारकर्ताओं को सीधे लाभ होगा।

नयी दिल्ली, दो जुलाई (भाषा) सरकारी स्वामित्व वाले इंडियन बैंक ने बुधवार को कहा कि उसने एक साल की परिपक्वता अवधि के लिए ‘मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट’ (एमसीएलआर) में 5 आधार अंकों की कटौती कर इसे 9 प्रतिशत कर दिया है।

इंडियन बैंक ने एक बयान में कहा कि नई दर 3 जुलाई से प्रभावी होगी।

एक साल की एमसीएलआर वह मानक (बेंचमार्क) है जिसके आधार पर ऑटो, पर्सनल और आवास ऋण (होम लोन) जैसे अधिकांश ग्राहक ऋणों की कीमत तय की जाती है।

किफायती ऋण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत करते हुए, बैंक ने एक साल की मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) में 5 आधार अंकों की कटौती की घोषणा की है, जिससे यह 9 प्रतिशत हो गई है।

बैंक ने कहा कि इस कटौती से ऋण पर कम ब्याज दर वाले उधार लेने वालों को सीधे लाभ होगा।

रमण

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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