scorecardresearch
Wednesday, 13 August, 2025
होमदेशअर्थजगतनेस्ले के भविष्य की वृद्धि में भारत प्रमुख भूमिका निभाएगा: सुरेश नारायणन

नेस्ले के भविष्य की वृद्धि में भारत प्रमुख भूमिका निभाएगा: सुरेश नारायणन

Text Size:

नयी दिल्ली, 27 जुलाई (भाषा) नेस्ले की भारतीय शाखा के निवर्तमान चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) सुरेश नारायणन का कहना है कि भारत भविष्य में नेस्ले के लिए ‘वृद्धि का एक प्रमुख वाहक’ होगा।

उन्होंने पीटीआई-भाषा से विशेष बातचीत में कहा कि भारत द्वारा प्रदान की जाने वाली आर्थिक और राजनीतिक स्थिरता के साथ-साथ कंपनी के विभिन्न ब्रांड की ‘उच्च उपभोक्ता प्रतिक्रिया’ इसे एक आकर्षक बाज़ार बनाती है।

जुलाई के अंत तक सेवानिवृत्त होने जा रहे नारायणन ने कहा कि स्विट्जरलैंड की प्रमुख (रोजमर्रा के घरेलू उपयोग) एफएमसीजी कंपनी 2015 के मैगी विवाद को अब पीछे छोड़ चुकी है, जिसमें उसके भारत में अस्तित्व पर संकट आ गया था। कंपनी अब क्षमता बढ़ाने, उत्पाद नवाचार, बिक्री नेटवर्क के विस्तार से लेकर डिजिटलीकरण तक के लिए निवेश कर रही है।

जब उनसे पूछा गया कि भारत में अगले पांच वर्षों में नेस्ले को वे किस रूप में देखते हैं, तो उन्होंने कहा, “मैं यह अनुमान लगा सकता हूं कि भले ही मैं शीर्ष पर न रहूं, लेकिन बाजार का आकर्षण, निवेश का स्तर और नेस्ले का भविष्य इस देश में उज्ज्वल बना रहेगा।”

नारायणन ने कहा कि पिछले 10 वर्षों से नेस्ले इंडिया की सालाना वृद्धि दर (सीएजीआर) लगभग 10 से 11 प्रतिशत रही है, तथा वर्तमान स्थिति, विशेष रूप से भारत में अधिकांश उपभोक्ता वस्तु कंपनियों के लिए अच्छी नहीं रही है, क्योंकि शहरी बाजार में खपत में कमी आई है, इसके बावजूद भी उन्हें उम्मीद है कि वे दोहरे अंकों की वृद्धि के रास्ते पर वापस आ जाएंगे।

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि आने वाले वर्षों में भारत नेस्ले एसए के लिए शीर्ष पांच वैश्विक बाजारों में से एक बन जाएगा, नारायणन ने कहा, “भारत (बाजार) बहुत अच्छी स्थिति में है। भारत का ट्रैक रिकॉर्ड बहुत अच्छा रहा है।”

पिछले 10 वर्षों में, नेस्ले इंडिया का निवेश बिक्री के लगभग दो प्रतिशत से बढ़कर लगभग 10 प्रतिशत हो गया है। उन्होंने कहा, “…यह अविश्वसनीय रहा है। नई क्षमताएं बनाने में हमने लगभग 6,000 करोड़ रुपये से 6,500 करोड़ रुपये तक का निवेश किया है।”

नारायणन एक नौकरशाह थे और वह संयोगवश कॉरपोरेट अधिकारी बन गए। उन्होंने नेस्ले को सिंगापुर, मिस्र और भारत में संकट से निकाला। वह कहते हैं कि संकट बता कर नहीं आता है और इसलिए संगठन को हमेशा सतर्क रहना चाहिए।

भाषा अनुराग पाण्डेय

पाण्डेय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments