scorecardresearch
गुरूवार, 5 जून, 2025
होमदेशअर्थजगतभारत, अमेरिका कारोबारियों को तरजीही बाजार पहुंच देने के इच्छुक; व्यापार समझौते पर वार्ता जारी:गोयल

भारत, अमेरिका कारोबारियों को तरजीही बाजार पहुंच देने के इच्छुक; व्यापार समझौते पर वार्ता जारी:गोयल

Text Size:

(फाइल फोटो के साथ)

(राजेश राय)

पेरिस, दो जून (भाषा) वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत और अमेरिका एक-दूसरे के कारोबार को तरजीही बाजार पहुंच देने के इच्छुक हैं और दोनों देशों के दल प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर मिलकर काम कर रहे हैं।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रम्प और भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2025 की शरद ऋतु (सितंबर-अक्टूबर) तक पारस्परिक रूप से लाभकारी, बहु-क्षेत्रीय द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) के पहले चरण पर बातचीत करने की योजना की फरवरी में घोषणा की थी। इसका उद्देश्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को वर्तमान 191 अरब अमेरिकी डॉलर के स्तर से दोगुना कर 500 अरब डॉलर तक पहुंचाना है।

गोयल ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘ दोनों देश मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। दोनों देश एक-दूसरे के कारोबार को तरजीही पहुंच देने के इच्छुक हैं और हम द्विपक्षीय व्यापार समझौते की दिशा में काम कर रहे हैं।’’

मंत्री, व्यापार एवं निवेश को बढ़ावा देने के लिए फ्रांस के नेताओं और व्यापार प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करने के लिए आधिकारिक यात्रा पर यहां पहुंचे हैं।

इस्पात एवं एल्युमीनियम पर शुल्क दोगुना करके 50 प्रतिशत करने की ट्रम्प की घोषणा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि दोनों देश इन सभी मुद्दों को द्विपक्षीय रूप से हल करने के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘ हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा…. अमेरिका और भारत दोनों के बीच अच्छे संबंध हैं। हम इन सभी मुद्दों को द्विपक्षीय रूप से सुलझाने के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे।’’

व्यापार विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिकी प्रशासन द्वारा आयात शुल्क में और वृद्धि से भारतीय निर्यातकों पर असर पड़ेगा, विशेष रूप से मूल्य-वर्धित एवं तैयार इस्पात उत्पादों और मोटर वाहन घटकों में लगे निर्यातकों पर।

अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रम्प ने 30 मई को घोषणा की कि वह चार जून से इस्पात और एल्यूमीनियम आयात पर मौजूदा 25 प्रतिशत शुल्क को दोगुना कर देंगे। इससे पहले ट्रम्प ने 2018 में इस्पात पर 25 प्रतिशत और एल्युमीनियम पर 10 प्रतिशत शुल्क निर्धारित किया था। फरवरी 2025 में उन्होंने एल्युमीनियम पर शुल्क बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया था।

वित्त वर्ष 2024-25 में, भारत ने अमेरिका को 4.56 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य के लोहे, इस्पात और एल्युमीनियम उत्पादों का निर्यात किया।

दोनों देशों के बीच प्रस्तावित अंतरिम व्यापार समझौते पर चर्चा के लिए अमेरिकी अधिकारियों का एक दल इस सप्ताह भारत आ रहा है।

अमेरिका लगातार चौथे वित्त वर्ष 2024-25 में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना रहा। दोनों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 131.84 अरब अमेरिकी डॉलर रहा।

भारत के कुल वस्तु निर्यात में अमेरिका की हिस्सेदारी करीब 18 प्रतिशत, आयात में 6.22 प्रतिशत और देश के कुल वस्तु व्यापार में 10.73 प्रतिशत रही।

अमेरिका के साथ भारत का 2024-25 में वस्तुओं के मामले में व्यापार अधिशेष (आयात व निर्यात के बीच का अंतर) 41.18 अरब अमेरिकी डॉलर था। 2023-24 में यह 35.32 अरब अमेरिकी डॉलर, 2022-23 में 27.7 अरब अमेरिकी डॉलर, 2021-22 में 32.85 अरब अमेरिकी डॉलर और 2020-21 में 22.73 अरब अमेरिकी डॉलर रहा था। अमेरिका ने इस बढ़ते व्यापार घाटे पर चिंता जाहिर की है।

भाषा निहारिका मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments