नयी दिल्ली, 15 नवंबर (भाषा) भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में है और इसके कैलेंडर वर्ष 2024 में 7.2 प्रतिशत और इसके अगले साल 6.6 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है। मूडीज रेटिंस ने यह बात कही है।
मूडीज ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ठोस वृद्धि और नरम मुद्रास्फीति के साथ आगे बढ़ रही है।
रेटिंग एजेंसी ने साथ ही जोड़ा कि मु्द्रास्फीति के जोखिमों को देखते हुए संभव है कि भारतीय रिजर्व बैंक इस साल तुलनात्मक रूप से सख्त मौद्रिक नीति को बरकरार रखे। ऐसे में निकट भविष्य में ब्याज दरों में कमी की गुंजाइश कम ही होगी।
मूडीज ने कहा कि निकट अवधि में तेजी के बावजूद खुदरा मुद्रास्फीति आने वाले महीनों में रिजर्व बैंक के तय दायरे में होनी चाहिए, क्योंकि अधिक बुवाई और पर्याप्त खाद्यान्न भंडार के कारण खाद्य कीमतों में कमी आएगी।
सब्जियों की कीमतों में तेज उछाल के कारण खुदरा मुद्रास्फीति 14 महीने के उच्चतम स्तर 6.21 पर पहुंच गई है, जो रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर के ऊपरी छोर से अधिक है।
रेटिंग एजेंसी ने अपने ‘वैश्विक वृहद परिदृश्य 2025-26’ में कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था ने महामारी के दौरान आपूर्ति श्रृंखला व्यवधान, रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद ऊर्जा और खाद्य संकट, उच्च मुद्रास्फीति और इसके चलते सख्त मौद्रिक नीति से उबरने में उल्लेखनीय जुझारू क्षमता दिखाई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘अधिकांश जी-20 अर्थव्यवस्थाएं स्थिर वृद्धि दर्ज करेंगी और नीतिगत मोर्चे पर नरमी तथा अनुकूल जिंस कीमतों से उन्हें समर्थन मिलेगा।’’
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि अमेरिकी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय नीतियों में चुनाव के बाद के बदलाव के चलते वैश्विक आर्थिक चुनौतियां बढ़ सकती हैं।
मूडीज ने भारत के बारे में कहा कि घरेलू खपत में सुधार, मजबूत निवेश और मजबूत विनिर्माण गतिविधियों के कारण 2024 की दूसरी तिमाही (अप्रैल-जून) में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में सालाना आधार पर 6.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
इसमें आगे कहा गया कि विनिर्माण और सेवा पीएमआई का विस्तार, मजबूत ऋण वृद्धि और उपभोक्ता भरोसे जैसे उच्च आवृत्ति संकेतक, तीसरी तिमाही में स्थिर आर्थिक गति का संकेत देते हैं।
मूडीज ने कहा, ‘‘वास्तव में, एक व्यापक आर्थिक नजरिये से भारतीय अर्थव्यवस्था ठोस वृद्धि और नरम मुद्रास्फीति के साथ अच्छी स्थिति में है। हमने 2024 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 7.2 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया है। इसके बाद 2025 में आर्थिक वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत और 2026 में 6.5 प्रतिशत रह सकती है।’’
भाषा पाण्डेय अजय
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