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Sunday, 1 December, 2024
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व्यापार मेला के 43वें संस्करण में बिहार मंडप और विकसित बिहार की प्रदर्शनी को मिला गोल्ड मेडल

आईआईटीएफ में इस साल बिहार पार्टनर स्टेट था, इसलिए बिहार मंडप को इस मेला के थीम विकसित भारत 2047 के अनुरूप तैयार किया गया था.

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नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी के प्रगति मैदान में संपन्न भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (आईआईटीएफ) मेले के 43वें संस्करण में बिहार ने अपने शानदार प्रदर्शनी के लिए गोल्ड मेडल जीता है.

बुधवार शाम आयोजित सम्मान समारोह में बिहार के प्रोजेक्ट के नोडल अधिकारी निखिल धनराज निपाणीकर को यह मेडल दिया गया.

इस दौरान उद्योग विभाग की सचिव वंदना प्रेयसी और उद्योग निदेशक आलोक रंजन घोष भी उपस्थित रहे.

मेडल जीतने पर खुशी ज़ाहिर करते हुए वंदना प्रेयसी ने कहा, “गोल्ड मेडल के माध्यम से हमारे प्रयासों की सराहना के लिए हम आईआईटीएफ के प्रति सम्मान प्रकट करते हैं. पिछले कुछ सालों में बिहार ने अभूतपूर्व प्रगति की है. हम 2047 तक बिहार को एक विकसित राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इसके अनुरूप इन्वेस्टमेंट-फ्रेंडली पॉलिसीस को लागू कर रहे हैं. मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि बिहार में लगातार निवेश बढ़ रहा है. हम निवेशकों को एक विकसित बिहार बनाने के लिए आमंत्रित करते हैं.”

आलोक रंजन घोष ने कहा, “बिहार को मिला यह सम्मान हमारे लिए काफी उत्साहजनक है. अपने कला और संस्कृति के लिए जाना जाने वाला बिहार आज निवेशकों की भी पहली पसंद बन गया है. राज्य का विकास निवेशकों के लिए नित नए अवसर प्रदान कर रहा है.”

सम्मान से अभिभूत, निखिल धनराज निपाणीकर ने कहा, “बिहार को मिला यह सम्मान बिहार की कला, संस्कृति, और विरासत के प्रति लोगों के प्रेम और देश-विदेश में इसकी ख्याति को दर्शाता है. बिहार प्रगति के पथ पर तेजी से बढ़ रहा है और हमें पूरी आशा है कि यह 2047 के विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल रहेगा.”

आईआईटीएफ में इस साल बिहार पार्टनर स्टेट था, इसलिए बिहार मंडप को इस मेला के थीम विकसित भारत 2047 के अनुरूप तैयार किया गया था. उद्योग विभाग की सचिव वंदना प्रेयसी और उद्योग निदेशक आलोक रंजन घोष के दिशानिर्देशन में बिहार सरकार के उद्योग विभाग ने उद्योग मित्र टीम की मदद से इस पूरे कार्यक्रम और प्रदर्शनी को मूर्त रूप दिया था.

बिहार मंडप में कुल मिलाकर 75 स्टॉल लगाए गए थे, जिसमें राज्य के हैंडलूम, खादी और हथकरघा उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई थी. नालंदा की बब्बन बूटी, भागलपुरी रेशम, मिथिला की मधुबनी पेंटिंग, पटना की टिकुली कला और अन्य कलाकृतियों को बिक्री और प्रदर्शन के लिए रखा गया था.

मंडप के केंद्र में बिहार संग्रहालय था. इसकी दीवारों पर आधुनिक नालंदा विश्वविद्यालय की 3डी पेंटिंग और प्रतिष्ठित बुद्ध ब्रिज को दर्शाया गया था. अन्य दीवारें बिहार के प्रसिद्ध पद्मश्री कलाकारों द्वारा बनाई गई मधुबनी, मंजूषा और टिकुली कला से अलंकृत थी.

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