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Sunday, 8 September, 2024
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भारत ने यूरोपीय एफटीए संघ के शोध से जुड़े आंकड़ों को बाहर रखने की मांग को खारिज किया

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नयी दिल्ली, 15 फरवरी (भाषा) भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) के साथ प्रस्तावित एफटीए में शोध से जुड़े आंकड़ों को बाहर (डाटा एक्सक्लूसिविटी) रखने के प्रावधान की मांग को खारिज कर दिया है। उसने कहा कि यह घरेलू जेनेरिक दवा उद्योग के हितों की रक्षा के लिए जरूरी है।

वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि ऐसा कोई मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) नहीं है जिसमें भारत जेनेरिक दवा उद्योग के खिलाफ जाएगा।

यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) के सदस्य आइसलैंड, लीशटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड हैं। यह समूह भारत के साथ व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहा है।

बर्थवाल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘वे चाहते हैं कि मुक्त व्यापार समझौते में ‘डाटा एक्सक्लूसिविटी’ शामिल हो। हमने उनकी मांग को खारिज कर दिया। हम अपने जेनेरिक दवा उद्योग के साथ हैं।’’

‘डाटा एक्सक्लूसिविटी’ अपने उत्पादों की उपयोगिता साबित करने के लिए नवप्रवर्तक कंपनियों द्वारा उत्पन्न तकनीकी आंकड़ों को सुरक्षा प्रदान करती है। औषधि क्षेत्र में, दवा कंपनियां अपनी नई दवा की क्षमता और सुरक्षा साबित करने के लिए महंगे वैश्विक ​​​परीक्षणों के माध्यम से आंकड़े सृजित करती हैं।

इन आंकड़ों पर विशेष अधिकार प्राप्त करके, अनुसंधान से जुड़ी कंपनियां निर्धारित अवधि के दौरान अपने प्रतिद्वंद्वी कंपनियों को कम लागत वाली दवाओं के लिए विपणन लाइसेंस प्राप्त करने से रोक सकती हैं।

बर्थवाल ने कहा, ‘‘भारतीय जेनेरिक उद्योग के लिए इस समझौते से खतरे की कोई बात नहीं है। वास्तव में, जेनेरिक दवा उद्योग को फलता-फूलता देखना हमारा प्रमुख उद्देश्य है।’’

सचिव ने कहा कि उद्योग भारत के निर्यात में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है और यह बढ़ भी रहा है।

स्विट्जरलैंड में दुनिया की कुछ प्रमुख दवा कंपनियां हैं और इनमें नोवार्टिस और रोशे शामिल हैं। इन दोनों कंपनियों की भारत में मौजूदगी है।

भारत का जेनेरिक दवा उद्योग लगभग 25 अरब डॉलर का है और देश उत्पादन का 50 प्रतिशत निर्यात करता है।

एक विशेषज्ञ ने कहा कि ‘डाटा एक्सक्लूसिविटी’ डब्ल्यूटीओ (विश्व व्यापार संगठन) के तहत बौद्धिक संपदा अधिकार (ट्रिप्स) समझौते के व्यापार संबंधी पहलुओं के प्रावधानों से परे है। भारत और ईएफटीए आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए जनवरी, 2008 से समझौते पर बातचीत कर रहे हैं। इसे उन्होंने आधिकारिक तौर पर व्यापार और आर्थिक भागीदारी समझौता (टीईपीए) नाम दिया है।

व्यापार और आर्थिक भागीदारी समझौते पर बातचीत का 21वां दौर जनवरी में यहां हुआ था। बातचीत वस्तु व्यापार, उत्पत्ति के नियम, व्यापार और सतत विकास, बौद्धिक संपदा अधिकार और व्यापार सुविधा सहित विभिन्न मुद्दों पर हुई।

वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक, फिलहाल बातचीत अंतिम चरण में है। ईएफटीए के कनाडा, चिली, चीन, मेक्सिको और दक्षिण कोरिया सहित 40 भागीदार देशों के साथ 29 मुक्त व्यापार समझौते हैं।

भाषा रमण अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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