हैदराबाद, 25 मार्च (भाषा) विमान विनिर्माता बोइंग ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय विमानन कंपनियों को अगले 20 वर्षों में 2000 से अधिक नए ‘सिंगल आइल’ विमानों की जरुरत होगी। चार मीटर से कम चौड़ाई वाले विमान को सिंगल आइल कहा जाता है।
अमेरिका की विमान विनिर्माता कंपनी ने एक विज्ञप्ति में कहा कि दक्षिण एशिया के हवाई परिवहन क्षेत्र में भारतीय बाजार का दबदबा है। इसकी बाजार में 90 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।
कंपनी ने कहा, ‘‘अनुमानित अवधि के दौरान मांग को पूरा करने के लिए भारत में विमान परिचालन करने वाली कंपनियों को 2,000 से अधिक नए सिंगल-आइल विमानों की जरूरत होगी।’’
कंपनी ने यहां ‘विंग्स इंडिया 2022’ में जारी अपनी रिपोर्ट ‘दक्षिण एशिया और भारत वाणिज्यिक बाजार दृष्टिकोण (सीएमओ)’ में यह बात कही है। इसमें कोविड-19 महामारी के बाद वाणिज्यिक हवाई जहाजों और सेवाओं की दीर्घकालिक मांग का अनुमान जताया गया है।
इस रिपोर्ट के अनुसार भारत की सतत आर्थिक वृद्धि और इसके बढ़ते मध्यम वर्ग से पूरे दक्षिण एशिया में अगले 20 वर्षों के दौरान 2,400 नए वाणिज्यिक जेट विमानों की मांग बढ़ेगी। इनकी विमानों का कुल मूल्य करीब 375 अरब डॉलर रहने का अनुमान है।
बोइंग इंडिया के अध्यक्ष सलिल गुप्ते ने कहा कि भारत दुनिया के सबसे बड़े नागरिक विमानन बाजारों में से एक के तौर पर उभर रहा है और इसने ढांचा खड़ा करने एवं सेवा की क्षमता को भी बढ़ाया है।
भाषा जतिन प्रेम
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