नयी दिल्ली, 27 अप्रैल (भाषा) अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार वार्ता के दौरान भारत महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों तक पहुंच की मांग कर सकता है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और जापान जैसे प्रमुख सहयोगियों को अमेरिका इस तरह की सुविधा देता है। भारत प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) के तहत अपने लिए भी समान पहुंच की मांग कर सकता है।
सूत्रों ने कहा कि भारत दूरसंचार उपकरण, जैव प्रौद्योगिकी, एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता), दवा, क्वांटम कंप्यूटिंग और सेमीकंडक्टर जैसे क्षेत्रों के लिए ये ढील मांग सकता है।
इसके अलावा अमेरिका से निर्यात नियंत्रणों को आसान बनाने के लिए भी कह जाएगा।
नयी दिल्ली अमेरिका के साथ प्रस्तावित समझौते में कपड़ा, रत्न और आभूषण, चमड़े के सामान, परिधान, प्लास्टिक, रसायन, झींगा, तिलहन, रसायन, अंगूर और केले जैसे श्रम-गहन क्षेत्रों के लिए शुल्क रियायतें भी मांग रहा है।
उन्होंने कहा कि दूसरी ओर अमेरिका कुछ औद्योगिक वस्तुओं, ऑटोमोबाइल (विशेष रूप से इलेक्ट्रिक वाहन), वाइन, पेट्रोकेमिकल उत्पाद, डेयरी और सेब जैसे कृषि उत्पादों पर शुल्क रियायतें चाहता है।
सूत्रों में से एक ने कहा कि प्रस्तावित बीटीए के तहत भारत अमेरिका से अनुरोध कर सकता है कि वह उसे ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और जापान सहित अन्य प्रमुख अमेरिकी सहयोगियों के बराबर रखे।
खासकर दूरसंचार उपकरण, जैव प्रौद्योगिकी और एआई जैसे प्रमुख क्षेत्रों में निर्यात नियंत्रणों को आसान बनाकर प्रौद्योगिकी तक पहुंच के मामले में ऐसी मांग की जाएगी।
इन क्षेत्रों में अत्याधुनिक तकनीकों तक आसान पहुंच से भारत को नवाचार क्षमताओं को बढ़ाने, तकनीकी बुनियादी ढांचे को बढ़ाने तथा देश की आर्थिक वृद्धि को गति देने में मदद मिलेगी।
समझौते के लिए बातचीत का नेतृत्व कर रहे वाणिज्य मंत्रालय ने इन मुद्दों के बारे में पूछने पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
भाषा पाण्डेय
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