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Wednesday, 25 September, 2024
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यूक्रेन संकट लंबा खिंचने पर वैकल्पिक भुगतान प्रणाली पर विचार कर सकता है भारत

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नयी दिल्ली, आठ मार्च (भाषा) रूस-यूक्रेन युद्ध लंबा खिंचने और रत्न एवं आभूषण जैसे प्रमुख व्यापार क्षेत्रों को अंतरराष्ट्रीय नकद अंतरण की समस्या पैदा होने की स्थिति में भारत निर्यातकों के लिए वैकल्पिक भुगतान प्रणाली मुहैया कराने पर विचार कर सकता है।

आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को कहा कि यूक्रेन संकट शुरू होने के बाद प्रमुख पश्चिमी देशों की तरफ से रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए जाने के चलते सरकार इस संभावना पर विचार कर सकती है।

पश्चिमी देशों ने रूस को अंतर-बैंकिंग प्रणाली ‘स्विफ्ट’ से भी बाहर कर दिया है। इस कदम से रूस को वैश्विक व्यापार से अलग-थलग करने का इरादा है।

एक सूत्र ने कहा, ”भारत यूक्रेन संकट की पृष्ठभूमि में अपने विदेश व्यापार के समक्ष मौजूद परिस्थितियों पर करीबी निगाह रखे हुए है। अगर प्रतिकूल हालात लंबे समय तक बने रहते हैं और रत्न एवं आभूषण जैसे प्रमुख व्यापार क्षेत्रों को अंतरराष्ट्रीय नकदी अंतरण में समस्या पेश आती है तो फिर भारत उन्हें वैकल्पिक भुगतान प्रणाली देने पर भी विचार कर सकता है।”

रत्न एवं आभूषण के निर्यातकों को रूस के अलरोसा से समर्थन के आश्वासन मिले हैं। वैश्विक हीरा उत्पादन में करीब 30 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाली अलरोसा अपने 10 प्रतिशत हीरे भारत को बेचती है।

भारत के रत्न एवं आभूषण निर्यात में करीब 50 प्रतिशत हिस्सा हीरे का ही है।

हालांकि, अभी तक रूस से अपरिष्कृत हीरे की आपूर्ति पर कोई असर नहीं पड़ा है लेकिन रत्न एवं आभूषण उद्योग रूस को स्विफ्ट भुगतान प्रणाली से बाहर किए जाने को लेकर फिक्रमंद है। इस संबंध में सरकार भी निर्यातकों एवं हीरा आयातकों के संपर्क में बनी हुई है।

भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) ने सरकार को सुझाव दिया है कि भारत और रूस के बीच रुपये एवं रूबल में कारोबार की वैकल्पिक भुगतान व्यवस्था लागू की जाए। फियो के महासचिव अजय सहाय ने कहा कि संगठन ने सरकार को इस वैकल्पिक व्यवस्था का सुझाव दिया है।

भाषा

प्रेम अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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