नयी दिल्ली, 19 मार्च (भाषा) वाणिज्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि भारत मिस्र को गेहूं का निर्यात शुरू करने के लिए अंतिम दौर की बातचीत कर रहा है, जबकि चीन, तुर्की और ईरान जैसे देशों के साथ गेहूं के निर्यात के लिए बातचीत चल रही है।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक भारत का गेहूं निर्यात अप्रैल-जनवरी 2021-22 के दौरान बढ़कर 1.74 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया, जो इससे पिछले साल की समान अवधि में 34.02 करोड़ अमेरिकी डॉलर का था।
मंत्रालय ने कहा कि कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने हाल में उन देशों को निर्यात बढ़ाने के संबंध में प्रमुख हितधारकों की एक बैठक आयोजित की है, जिन्हें रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला व्यवधानों के चलते बड़ी खेप भेजने की क्षमता है।
बैठक में रेलवे ने अतिरिक्त गेहूं परिवहन की किसी भी तत्काल मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त रैक उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। बंदरगाह अधिकारियों से गेहूं के निर्यात के लिए समर्पित टर्मिनलों की संख्या बढ़ाने को कहा गया है।
भारत से गेहूं निर्यात मुख्य रूप से पड़ोसी देशों में होता है, जिसमें बांग्लादेश की सबसे बड़ी हिस्सेदारी है। इसके अलावा देश ने यमन, अफगानिस्तान, कतर और इंडोनेशिया जैसे नए गेहूं के बाजारों में प्रवेश किया है।
एपीडा के अध्यक्ष एम अंगमुथु ने कहा, ‘हम राज्य सरकारों और निर्यातकों, किसान उत्पादक संगठनों, ट्रांसपोर्टरों जैसे हितधारकों के सहयोग से गेहूं के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए मूल्य श्रृंखला के निर्माण पर जोर दे रहे हैं।’
वैश्विक स्तर पर गेहूं निर्यात में भारत की हिस्सेदारी एक प्रतिशत से भी कम है, हालांकि इसका हिस्सा 2016 में 0.14 प्रतिशत से बढ़कर 2020 में 0.54 प्रतिशत हो गया है।
भाषा पाण्डेय
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