चेन्नई, 20 अप्रैल (भाषा) भारत धीरे-धीरे दक्षिण पूर्व एशिया और पश्चिम एशिया के बीच यात्रा के लिए एक सुविधाजनक केंद्र बन रहा है। उद्योग के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि एयरलाइंस भारतीय शहरों के माध्यम से लोगों को स्थानांतरित करना पसंद कर रही हैं।
इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड (इंडिगो एयरलाइंस) के निदेशक मंडल के चेयरमैन वी सुमंत्रन ने शनिवार को यहां कहा कि भारत में भारी वृद्धि हुई है और एयरलाइंस कई घरेलू मार्गों का इस्तेमाल ‘कनेक्टिविटी’ के लिए करती हैं।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास के 65वें संस्थान दिवस पर अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि इंडिगो एयरलाइंस ने 2006 में कम लागत वाली एयरलाइन के रूप में शुरुआत की थी। कंपनी ने फ्रांस में 500 विमानों का ऑर्डर देकर विमानन उद्योग में सबसे बड़ा एकल ऑर्डर दिया था।
आईआईटी मद्रास के पूर्व छात्र सुमंत्रन ने कहा, ”भारत को एक ऐसी एयरलाइन की जरूरत थी जो हममें से कई लोगों को किफायती यात्रा मुहैया करा सके और इसका नतीजा हम देख सकते हैं। यहां तक कि अब हम देख रहे हैं कि भारत बुनियादी ढांचे के विकास पर बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। हमारे पास अभी करीब 140 हवाई अड्डे हैं और 2030 तक इनकी संख्या 220 हो जाएगी। हमें घरेलू यात्रा में भारी वृद्धि की उम्मीद है।”
उन्होंने कहा कि इंडिगो का पूरा मॉडल किफायती किराया, विनम्र सेवा, समय पालन और अच्छी रूट प्रणाली पर आधारित है। उन्होंने आगे जोड़ा कि कई एयरलाइंस बैंकॉक जैसे स्थानों से लोगों को पश्चिम एशिया में जेद्दा या दुबई तक पहुंचाने के लिए भारतीय शहरों से जुड़ रही हैं।
सुमंत्रन ने कहा, ”भारत धीरे-धीरे दक्षिण पूर्व एशिया और पश्चिम एशिया के बीच यात्रा के लिए एक सुविधाजनक केंद्र बन रहा है।”
उन्होंने कहा कि इसलिए, हम इस क्षेत्र में बहुत बड़ी वृद्धि देख सकते हैं, जिस वजह से कंपनी ने 500 विमानों का ऑर्डर दिया।
उन्होंने कहा कि इंडिगो के पास दुनिया में महिला पायलटों का सबसे बड़ा नेटवर्क है, और प्रति सीट प्रति किलोमीटर कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन की मात्रा भी दुनिया में सबसे कम है।
भाषा पाण्डेय
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