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Friday, 19 April, 2024
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भारत की जीडीपी दर गिरकर 7.1 फीसदी रही

जीवीए में करों को शामिल किया जाता है, लेकिन सब्सिडी को इसमें नहीं जोड़ा जाता है.

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नई दिल्ली: देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) दर में जुलाई-सितंबर की अवधि में गिरावट दर्ज की गई है, जोकि 7.1 फीसदी रही, जबकि इसकी पिछली तिमाही में यह 8.2 फीसदी थी. इस गिरावट का मुख्य कारण डॉलर के मुकाबले रुपये के मूल्य में आई गिरावट और ग्रामीण मांग में कमी आना है. इसके साथ ही विनिर्माण और खनन गतिविधियों में गिरावट का भी जीडीपी आंकड़ों पर असर पड़ा है.

केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, हालांकि साल-दर-साल आधार जीडीपी दर में तेज़ी रही. वित्तवर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 6.3 फीसदी रही थी.

सीएसओ द्वारा जारी चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के अनुमान में कहा गया, ‘आधार वर्ष 2011-12 के हिसाब से वित्त वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही में जीडीपी कुल 33.98 लाख करोड़ रुपये रही, जबकि वित्त वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही में यह 31.72 लाख करोड़ रुपये थी.’

सीएसओ ने कहा, ‘सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) दर जुलाई-सितंबर में बढ़कर 6.9 फीसदी रही है, जोकि पिछली तिमाही की 8 फीसदी की तुलना में कम है. वित्तवर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही में जीवीए की दर 6.1 फीसदी रही थी.’

जीवीए में करों को शामिल किया जाता है, लेकिन सब्सिडी को इसमें नहीं जोड़ा जाता है.

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आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जिन आर्थिक गतिविधियों की रफ्तार साल-दर-साल आधार पर 7 फीसदी से अधिक रही, उसमें ‘विनिर्माण’, ‘बिजली’, ‘गैस’, ‘पानी की आपूर्ति और अन्य उपभोक्ता सेवाएं’, ‘निर्माण’ और ‘जन प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाओं’ का क्षेत्र शामिल है.

सीएसओ ने अनुमान दस्तावेज़ों में कहा, ‘समीक्षाधीन अवधि में ‘कृषि, वानिकी और मछली पालन’, ‘व्यापार, होटल्स और ट्रांस, संचार और ब्रॉडकास्टिंग सेवाएं’ और वित्तीय, रियल एस्टेट और पेशेवर सेवाओं की वृद्धि दर क्रमश: 3.8 फीसदी, (-)2.4 फीसदी, 6.8 फीसदी, और 6.3 फीसदी रही.’

सेक्टर के हिसाब से, ‘कृषि, वानिकी और मछली पालन’ की साल-दर-साल तिमाही जीवीए चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 3.8 फीसदी रही, जबकि एक साल पहले समान तिमाही में यह 2.6 फीसदी थी. ‘विनिर्माण’ क्षेत्र बढ़कर 7.4 फीसदी रहा, जबकि एक साल पहले समान तिमाही में यह 7.1 फीसदी था.

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