नई दिल्ली : वैश्विक बाजारों में नरमी के बीच देश का निर्यात जून महीने में 22 प्रतिशत घटकर 32.97 अरब डॉलर रहा. एक साल पहले इसी माह में यह 42.28 अरब डॉलर था.
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार आयात भी आलोच्य महीने में 17.48 प्रतिशत घटकर 53.10 अरब डॉलर रहा.
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि व्यापार क्षेत्र में वृद्धि वैश्विक परिस्थितियों पर निर्भर है.
हालांकि उन्होंने कहा कि व्यापार घाटा चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही अप्रैल-जून में 7.9 प्रतिशत घटकर 57.6 अरब डॉलर रहा जो एक साल पहले इसी तिमाही में 62.6 अरब डॉलर था.
कई साल में पहली बार भारत-चीन व्यापार में सुस्ती
सीमा विवाद को लेकर द्विपक्षीय तनाव के बावजूद हाल के वर्षों में भारत-चीन व्यापार तेजी से बढ़ा है. लेकिन इस साल की पहली छमाही में कई साल में पहली बार दोनों देशों के बीच व्यापार में सुस्ती का संकेत देखने को मिला है. पहली छमाही में भारत-चीन व्यापार 0.9 प्रतिशत घटा है.
भारत-चीन व्यापार में गिरावट ऐसे समय आई है जबकि कोविड महामारी के झटकों से उबरने का प्रयास कर रहे चीन के कुल विदेश व्यापार में पांच प्रतिशत की कमी आई है.
चीन के सीमा शुल्क विभाग की ओर से बृहस्पतिवार को जारी आंकड़ों अनुसार, चालू साल की पहली छमाही में भारत को चीन का निर्यात पिछले वर्ष के 57.51 अरब डॉलर की तुलना में 0.9 प्रतिशत की गिरावट के साथ 56.53 अरब डॉलर पर आ गया है.
इसी अवधि में भारत का चीन को निर्यात कुल 9.49 अरब डॉलर रहा, जो पिछले साल की समान अवधि में 9.57 अरब डॉलर था. इस तरह 2023 की पहली छमाही में व्यापार घाटा भी पिछले साल के 67.08 अरब डॉलर की तुलना में काफी कम होकर 47.04 डॉलर रह गया है.
पिछले साल भारत-चीन व्यापार 135.98 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया था. मई, 2020 में पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध को लेकर द्विपक्षीय संबंधों के खराब होने के बावजूद व्यापार का यह आंकड़ा हासिल हुआ था.
वर्ष 2022 में भारत-चीन व्यापार 8.4 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 125 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर गया था. उस साल द्विपक्षीय संबंधों में गिरावट के बावजूद चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा 100 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर 101.02 अरब डॉलर पर पहुंच गया था. 2021 में यह आंकड़ा 69.38 अरब डॉलर रहा था.
यह भी पढ़ें : मोदी के 9 साल बाद भी भ्रष्टाचार खत्म नहीं हुआ, यह भ्रष्ट नेताओं को BJP में जोड़ने का हथियार बन गया है