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Friday, 15 August, 2025
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आईएमईसी परियोजना में भारत निश्चित रूप से महत्वपूर्ण: शीर्ष इतालवी राजनयिक

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(कुणाल दत्त)

नयी दिल्ली, 10 अगस्त (भाषा) अंतरराष्ट्रीय आईएमईसी परियोजना में भारत की भूमिका निश्चित रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह एक विशाल बाजार और उत्पादक देश है। एक शीर्ष इतालवी राजनयिक ने यह बात कही।

उन्होंने कहा कि भारत- पश्चिम एशिया- यूरोप आर्थिक गलियारा (आईएमईसी) पहल वस्तुओं के व्यापार, ऊर्जा और डेटा संपर्क से संबंधित है, और नई दिल्ली ”इन तीनों क्षेत्रों में अग्रणी” है।

आईएमईसी पहल सऊदी अरब, भारत, अमेरिका और यूरोप के बीच एक विशाल सड़क, रेलमार्ग और पोत परिवहन नेटवर्क की परिकल्पना करता है, जिसका मकसद एशिया, पश्चिम एशिया और यूरोप के बीच एकीकरण सुनिश्चित करना है।

इटली के विशेष दूत फ्रांसेस्को टालो ने इस सप्ताह की शुरुआत में पीटीआई वीडियोज को दिए एक खास साक्षात्कार में कहा कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना की शुरुआत काफी उम्मीदों के साथ हुई थी और वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों से उत्पन्न अस्थिरता के दौर में ऐसी पहल की विशेष रूप से जरूरत है।

एक अनुभवी राजनयिक टालो ने हाल ही में आईएमईसी पहल में भागीदार देशों के प्रतिनिधियों की एक बैठक में भाग लेने के लिए भारत का दौरा किया था। इस पहल को सितंबर 2023 में दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान अंतिम रूप दिया गया था।

उन्होंने कहा, ”भारत निश्चित रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह एक विशाल बाजार है। यह एक बड़ा उत्पादक है। इसलिए, दोनों ही पहलुओं पर यह बहुत महत्वपूर्ण है। आप जानते हैं कि आईएमईसी संपर्क का एक नेटवर्क है। मैं एक गलियारे की तुलना में एक नेटवर्क के बारे में ज्यादा बात करना पसंद करता हूं, क्योंकि यह एक जगह से दूसरी जगह को जोड़ने के मुकाबले ज्यादा जटिल है।”

उन्होंने यहां इतालवी दूतावास में आयोजित साक्षात्कार में पीटीआई को बताया कि यह परियोजना वस्तुओं के व्यापार, ऊर्जा और डेटा से भी जुड़ी है और भारत इन तीनों क्षेत्रों में अग्रणी है।

उन्होंने आगे कहा कि एक औद्योगिक देश के रूप में, एक बाजार के रूप में, प्रौद्योगिकी के केंद्र के रूप में और निश्चित रूप से डिजिटल संपर्क के रूप में भारत महत्वपूर्ण हैं।

दूत ने कहा, ”हम भारत को यूरोप से जोड़ रहे हैं। यहां हम मिलकर वास्तव में मुख्य भूमिका निभा सकते हैं। आप जानते हैं कि ब्लू रमन नामक एक केबल (परियोजना) है, जो मुंबई को भूमध्य सागर में जेनोआ के इतालवी बंदरगाह से जोड़ेगी, और फिर जेनोआ से पूरे यूरोप को जोड़ेगी। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि डेटा व्यावहारिक रूप से 21वीं सदी का ईंधन है।”

टालो ने भौतिक संपर्क के अलावा डिजिटल संपर्क की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया, जो डेटा केंद्रों को सशक्त बनाने में मदद करेगी। साथ ही कृत्रिम बुद्धिमत्ता, तकनीकों और अर्थव्यवस्था को अधिक संभावनाएं और मजबूती देगी।

भाषाIMEC राजकुमार पाण्डेय

पाण्डेय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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