नयी दिल्ली, 21 मार्च (भाषा) भारत और ऑस्ट्रेलिया ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताते हुए सोमवार को महत्वपूर्ण खनिजों, छात्रों की आवाजाही और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में कई पहलों की घोषणा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के बीच हुए वर्चुअल शिखर सम्मेलन में दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने की बात कही गई। इस दौरान ऑस्ट्रेलिया की तरफ से स्वच्छ प्रौद्योगिकी, महत्वपूर्ण खनिज और अंतरिक्ष समेत तमाम क्षेत्रों में सहयोग का दायरा बढ़ाने के लिए 1,500 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव किया है।
दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश की संभावनाओं के दोहन की अहमियत पर जोर देते हुए कहा कि प्रस्तावित वृहद आर्थिक सहयोग समझौते (सीईसीए) को जल्द-से-जल्द पूरा करने के प्रयास किए जाएं।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने शुरुआती संबोधन में कहा कि सीईसीए पर बहुत कम समय में उल्लेखनीय प्रगति देखने को मिली है। उन्होंने कहा, “मुझे यकीन है कि इस समझौते से जुड़े बाकी मसलों पर भी जल्द सहमति बन जाएगी। हमारे आर्थिक संबंधों, आर्थिक पुनरुद्धार और आर्थिक सुरक्षा के लिए सीईसीए का जल्द क्रियान्वयन अहम होगा।”
इस मौके पर ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री मॉरिसन ने कहा कि एक ‘अंतरिम’ समझौता दोनों देशों के लिए नए अवसर पैदा करने और लाभ के दोहन में मददगार होगा। उन्होंने कहा, “यह हमें जल्द-से-जल्द एक पूर्ण समझौते के करीब लेकर जाएगा।”
दोनों देशों ने आपसी रक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए युवा सैन्य अधिकारियों के आदान-प्रदान कार्यक्रम की शुरुआत की भी घोषणा की। इसके अलावा एक ही तरह की शैक्षणिक योग्यताओं को दोनों देशों में मान्यता देने की संभावना टटोलने के लिए एक कार्यबल के भी गठन की घोषणा की गई।
भाषा प्रेम अजय
अजय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.