नयी दिल्ली, 15 अगस्त (भाषा) बीते सप्ताह विदेशी बाजारों में खाद्य तेलों के दाम बढ़ने की वजह से देशभर के तेल-तिलहन बाजारों में सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, सीपीओ, पामोलीन सहित लगभग सभी खाद्यतेल तिलहन कीमतों में सुधार दिखा।
बाजार सूत्रों ने कहा कि विदेशों में सोयाबीन और पाम तेल के दाम 50-100 डॉलर प्रति टन मजबूत हुए हैं जिसके कारण तेल तिलहन बाजार में चौतरफा तेजी देखने को मिली। सूत्रों ने कहा कि अभी सोयाबीन डीगम के आयात में नुकसान है क्योंकि आयात भाव के मुकाबले हाजिर भाव कम है। फिलहाल सीपीओ और पामोलीन के हाजिर भाव अधिक हैं जबकि कच्चा पामतेल (सीपीओ) की नयी खेप हाजिर भाव के मुकाबले कम होगी और पामोलीन तेल की कीमत उससे भी सस्ती होगी। यही हाल सूरजमुखी तेल में भी है। आयात भाव के मुकाबले हाजिर भाव 25-30 रुपये लीटर ज्यादा है। विदेशों में सुधार होने, जुलाई में इंडोनेशिया में स्टॉक लगभग आठ प्रतिशत कम होने तथा 22 डॉलर निर्यात शुल्क बढ़ाने से बीते सप्ताह सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतों में सुधार आया।
सूत्रों ने कहा कि किसानों द्वारा नीचे भाव में बिकवाली से बचने, तेल मिल वालों की पेराई की लागत हाजिर भाव से अधिक बैठने के कारण सरसों तेल तिलहन कीमतों में सुधार आया। जबकि सोयाबीन के डीआयल्ड केक (डीओसी) की छिटपुट मांग होने तथा विदेशी बाजारों में तेजी के कारण समीक्षाधीन सप्ताहांत में सोयाबीन तेल तिलहन के भाव में सुधार आया।
सूत्रों ने कहा कि 15 अक्टूबर को बिनौला की नयी फसल आयेगी और गिनिंग मिल शुरु होने के बाद मौसम साफ रहने पर अक्टूबर में पंजाब, हरियाणा में सबसे पहले इसकी आवक होगी। देश में अकेले गुजरात राज्य में 80-85 प्रतिशत मूंगफली और बिनौला तेल की खपत होती है। नमकीन बनाने वाली कंपनियों की मांग होने तथा गुजरात में जनमाष्टमी त्यौहार के कारण कारोबार धीमा होने से बिनौला तेल कीमतों में सुधार आया। जबकि भाव ऊंचा होने और गुजरात की मांग निकलने से मूंगफली तेल तिलहन कीमतों में समीक्षाधीन सप्ताह में सुधार दिखा।
सूत्रों ने कहा कि सूरजमुखी और मूंगफली का तेल सरसों से महंगा है। हाजिर बाजार में सरसों तेल का भाव मूंगफली और सूरजमुखी से लगभग 20 रुपये किलो सस्ता है। कम भाव पर बिकवाली नहीं करने तथा विदेशों में तेजी के समर्थन से समीक्षाधीन सप्ताह में सरसों तेल तिलहन के भाव में सुधार आया।
सूत्रों ने कहा कि बाजार में आयात होने वाले खाद्यतेलों के भाव दबाव में हैं जबकि आगामी आयातित तेलों के भाव इससे भी कमजोर होंगे। ऐसे में देश को तेल तिलहन बढ़ाने की ओर प्रेरित करने के लिए जरूरी है कि देश के किसानों को उनकी ऊपज के वाजिब दाम मिलें और सस्ते आयात के मुकाबले देशी तेल बाजार में टिक सकें। अभी सोयाबीन, बिनौला और मूंगफली की फसलें आने का समय नजदीक हो चला है इसे देखते हुए समुचित प्रबंध करने की आवश्यकता है ताकि देशी तेल सस्ते आयातित तेलों से प्रतिस्पर्धा कर सकें।
इस बीच सरकार ने शुक्रवार को कच्चा पामतेल पर आयात शुल्क मूल्य को घटाया है जबकि पामोलीन और सोयाबीन डीगम पर आयात शुल्क मूल्य में वृद्धि की है।
सूत्रों ने बताया कि पिछले सप्ताहांत के मुकाबले बीते सप्ताह सरसों दाने का भाव 100 रुपये सुधरकर 7,315-7,365 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों दादरी तेल समीक्षाधीन सप्ताहांत में 200 रुपये सुधरकर 14,800 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। वहीं सरसों पक्की घानी और कच्ची घानी तेल की कीमतें भी क्रमश: 40-40 रुपये सुधरकर क्रमश: 2,340-2,430 रुपये और 2,370-2,485 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुईं।
सूत्रों ने कहा कि तेजी के आम रुख के बीच समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन दाने और लूज के थोक भाव क्रमश: 85 रुपये और 110 रुपये के सुधार के साथ क्रमश: 6,445-6,520 रुपये और 6,245-6,320 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।
समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन तेल कीमतों में भी सुधार आया। सोयाबीन दिल्ली का थोक भाव 450 रुपये सुधरकर 13,700 रुपये, सोयाबीन इंदौर का भाव 300 रुपये सुधरकर 13,450 रुपये और सोयाबीन डीगम का भाव 300 रुपये सुधरकर 12,250 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।
गुजरात की मांग निकलने और दाम ऊंचा होने के कारण मूंगफली तेल-तिलहनों कीमतों में सुधार आया। समीक्षाधीन सप्ताहांत में मूंगफली तिलहन का भाव 70 रुपये सुधरकर 6,940-7,065 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। पूर्व सप्ताहांत के बंद भाव के मुकाबले समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली तेल गुजरात 250 रुपये सुधरकर 16,250 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ जबकि मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड का भाव 40 रुपये सुधरकर 2,710-2,900 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ।
समीक्षाधीन सप्ताह में कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का भाव 300 रुपये सुधरकर 11,450 रुपये क्विंटल रह गया। जबकि पामोलीन दिल्ली का भाव 450 रुपये सुधरकर 13,650 रुपये और पामोलीन कांडला का भाव 450 रुपये सुधरकर 12,550 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।
लगभग समाप्त हो चुके कारोबार के बीच नमकीन बनाने वाली कंपनियों की मांग निकलने से बिनौला तेल कीमत भी 550 रुपये सुधरकर 14,550 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुआ।
भाषा राजेश राजेश मानसी
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