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Wednesday, 27 August, 2025
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आईएचसीएल का प्रमुख बाजारों में उपस्थिति बढ़ाने के लिए रणनीतिक अधिग्रहण पर विचार: एमडी

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नयी दिल्ली, 24 अगस्त (भाषा) देश की आतिथ्य क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (आईएचसीएल) मौजूदा बाजारों में अपनी उपस्थिति बढ़ाने और यूरोप तथा दक्षिण पूर्व एशिया के चुनिंदा गंतव्यों में प्रवेश करने के लिए रणनीतिक अधिग्रहण पर विचार कर रही है। कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक (एमडी) पुनीत चटवाल ​​ने यह जानकारी दी।

उन्होंने पीटीआई-भाषा को एक साक्षात्कार में बताया कि टाटा समूह के स्वामित्व वाली यह कंपनी अपने प्रमुख ब्रांड ताज के लिए और अधिक भौतिक संपत्ति का अधिग्रहण नहीं करेगी और इसके बजाय एक परिचालन अनुबंध व्यवस्था को चुनेगी।

आईएचसीएल ‘एसेट लाइट’ और ‘एसेट हैवी’ शब्दावली का उपयोग करती है, जिसमें ‘एसेट हैवी’ उसके स्वामित्व वाली भौतिक संपत्ति को दर्शाता है।

आईएचसीएल ने 2030 तक अपने पोर्टफोलियो में 700 से ज्यादा होटल जोड़ने का लक्ष्य रखा है।

यह पूछने पर कि क्या आईएचसीएल वैश्विक स्तर पर प्रमुख बाजारों में विस्तार और रणनीतिक अधिग्रहणों के जरिए नए बाजारों में प्रवेश करने पर विचार कर रही है, चटवाल ​​ने कहा, ”बिल्कुल, हम इस पर विचार करेंगे, क्योंकि हम एक शून्य-ऋण वाली कंपनी हैं और हमारे पास अभी भी 3,000 करोड़ रुपये की नकदी है।”

उन्होंने कहा, ”हर दिन हम ज्यादा नकदी पैदा कर रहे हैं और परिसंपत्ति प्रबंधन के संदर्भ में ऐसे अन्य अवसर भी हैं, जहां हम कई गैर-प्रमुख परिसंपत्तियों से छुटकारा पाकर भी नकदी जुटा सकते हैं। इसलिए ऐसी स्थिति में आप वास्तव में इस प्रकार के अधिग्रहण कर सकते हैं।”

उन्होंने कहा कि कंपनी की रणनीति हमेशा भारत और उपमहाद्वीप पर केंद्रित रहेगी, जिसमें दुनिया भर के प्रमुख स्थानों पर ताज की चुनिंदा वृद्धि शामिल होगी।

चटवाल ने कहा, ”हम ताज के लिए संपत्तियां नहीं खरीदेंगे, बल्कि इसे एक परिचालन करार मॉडल की तरह इस्तेमाल करेंगे। अगर हमें नवीनीकरण, अपनी ब्रांडिंग या किसी बाजार में प्रवेश के लिए थोड़ा-बहुत पैसा लगाना पड़ा, तो हम यूरोप और दक्षिण-पूर्व एशिया के चुनिंदा गंतव्यों में ऐसा करेंगे।”

भाषा पाण्डेय

पाण्डेय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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