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Saturday, 28 September, 2024
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आईबीबीआई ने समयबद्ध प्रवर्तन तंत्र के लिए संशोधित मानदंडों का प्रस्ताव रखा

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नयी दिल्ली, एक अप्रैल (भाषा) भारतीय दिवाला और ऋण शोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) ने समयबद्ध शिकायत निवारण और प्रवर्तन तंत्र सुनिश्चित करने के लिए नियमों में बदलाव का प्रस्ताव दिया है, जिसमें अनुशासनात्मक कार्यवाही के संबंध में लगने वाले समय को कम करना शामिल है।

दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) को लागू करने वाली प्रमुख संस्था आईबीबीआई द्वारा उसके साथ पंजीकृत सेवा प्रदाताओं के लिए शिकायत निवारण और प्रवर्तन तंत्र के मानदंडों के संबंध में विभिन्न संशोधन किए गए हैं।

आईबीबीआई ने इस संबंध में एक परिचर्चा पत्र जारी करते हुए कहा कि एक समयबद्ध प्रवर्तन तंत्र की स्थापना से संस्थान की पारदर्शिता और हितधारकों के भरोसे पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

इसमें में आगे कहा गया कि प्रवर्तन तंत्र में देरी से कभी-कभी मुकदमेबाजी हो सकती है, जिससे सेवा प्रदाता के साथ ही बोर्ड को अतिरिक्त लागत का सामना करना पड़ सकता है।

आईबीबीआई ने कहा कि ऐसे में एक प्रभावी प्रवर्तन तंत्र से इस तरह के मुकदमेबाजी में कमी होगी और हितधारकों का भरोसा बढ़ेगा।

परिचर्चा पत्र पर संबंधित पक्षों से 21 अप्रैल तक सुझाव मांगे गये हैं।

भाषा पाण्डेय रमण

रमण

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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