नयी दिल्ली, 12 मई (भाषा) वेदांता समूह की कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (एचजेडएल) अगले वित्त वर्ष तक राजस्थान में अपने उर्वरक विनिर्माण संयंत्र का परिचालन शुरू कर सकती है। कंपनी की चेयरपर्सन प्रिया अग्रवाल हेब्बार ने यह जानकारी दी है।
कंपनी राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के चंदेरिया में पांच लाख टन सालाना क्षमता वाला विनिर्माण संयंत्र स्थापित करके उर्वरक उत्पादन के क्षेत्र में प्रवेश कर रही है।
उन्होंने शेयरधारकों को हाल ही में लिखे पत्र में कहा, ‘‘विविधीकरण हमारी विकास रणनीति का केंद्र बिन्दु है। पिछले साल, हमने 30 केटीपीए जिंक मिश्र धातु संयंत्र चालू किया, जिससे मिश्र धातुओं सहित हमारे मूल्यवर्धित उत्पादों (वीएपी) पोर्टफोलियो का काफी विस्तार हुआ। वीएपी अब हमारे कुल कारोबार में 22 प्रतिशत का योगदान देता है। हम उर्वरक खंड में भी उतर रहे हैं, जिसमें एक (डायमोनियम फॉस्फेट/नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटेशियम) संयंत्र के वित्त वर्ष 2026-27 तक चालू होने की उम्मीद है।’’
कंपनी की चौथी तिमाही के निवेशक प्रस्तुति के अनुसार, संयंत्र का उद्देश्य वर्तमान में आयात किए जा रहे डीएपी उर्वरक के उत्पादन और बिक्री के माध्यम से किसानों की जरूरतों को पूरा करना है।
उन्होंने कहा कि इन पहल से कंपनी के राजस्व स्रोतों में विविधता आएगी और मार्जिन में वृद्धि होगी।
हेब्बार ने आगे कहा कि कंपनी की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी हिंदमेटल एक्सप्लोरेशन सर्विसेज देश भर में तांबा, लिथियम, निकल, कोबाल्ट, पोटाश, सोना और अन्य के लिए उच्च क्षमता वाले अन्वेषण ब्लॉक की खोज कर रही है। ये खनिज इलेक्ट्रिक वाहन, सेमीकंडक्टर और स्वच्छ प्रौद्योगिकियों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड का मार्च, 2025 को समाप्त तिमाही में एकीकृत शुद्ध मुनाफा 47.3 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 3,003 करोड़ रुपये रहा है। आमदनी बढ़ने से कंपनी का मुनाफा भी बढ़ा है।
भाषा राजेश राजेश अजय
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