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Tuesday, 4 November, 2025
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हिंदुजा समूह के चेयरमैन गोपीचंद हिंदुजा का लंदन में निधन

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लंदन, चार नवंबर (भाषा) जाने-माने उद्योगपति और हिंदुजा समूह के चेयरमैन गोपीचंद पी हिंदुजा का लंदन में निधन हो गया है। उनके परिवार के करीबी सूत्रों ने यह जानकारी दी।

वह 85 वर्ष के थे।

ब्रिटेन के सबसे अमीर परिवार के प्रमुख हिंदुजा का नाम उनके दोनों भाइयों के साथ बोफोर्स घोटाला मामले में भी आया था।

करीबी सूत्रों ने बताया कि उद्योग जगत में ‘जीपी’ के नाम से मशहूर गोपीचंद पी हिंदुजा पिछले कुछ सप्ताह से अस्वस्थ थे और लंदन के एक अस्पताल में उनका निधन हो गया।

गोपीचंद का जन्म 1940 में हुआ। चार हिंदुजा बंधुओं में वह दूसरे स्थान पर थे। उन्होंने समूह को वाहन, ऊर्जा, बैंकिंग और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में एक वैश्विक समूह बनाया। मई, 2023 में अपने बड़े भाई श्रीचंद हिंदुजा के निधन के बाद, उन्होंने 35 अरब पाउंड के हिंदुजा समूह के चेयरमैन का पदभार संभाला।

उनके परिवार में पत्नी सुनीता, पुत्र संजय और धीरज तथा पुत्री रीता हैं।

मुबई स्थित जय हिंद कॉलेज से स्नातक, गोपीचंद ने तेहरान में पारिवारिक व्यापारिक कारोबार से अपना करियर शुरू किया और फिर विभिन्न देशों में अपनी पहुंच का विस्तार किया।

उनके नेतृत्व में, समूह ने 1984 में गल्फ ऑयल का अधिग्रहण किया। इसके तुरंत बाद 1987 में समस्याओं में घिरी भारतीय वाहन विनिर्माता कंपनी अशोक लेलैंड का अधिग्रहण किया, जो भारत में पहला बड़ा एनआरआई निवेश था।

अशोक लेलैंड को आज भारतीय कंपनी इतिहास में अब तक की सबसे सफल बदलाव की कहानियों में से एक माना जाता है।

समूह के ऊर्जा और बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में प्रवेश के पीछे भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। उन्होंने भारत में ऊर्जा उत्पादन क्षमता के निर्माण के लिए समूह की योजना को आकार देने के कार्य का नेतृत्व किया।

हिंदुजा अपने सरल स्वभाव और पारिवारिक मूल्यों के प्रति गहरी प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते थे। समूह की वेबसाइट के अनुसार, उन्हें वेस्टमिंस्टर विश्वविद्यालय से मानद डॉक्टरेट ऑफ लॉ और रिचमंड कॉलेज, लंदन से मानद डॉक्टरेट ऑफ इकॉनमिक्स की उपाधि से सम्मानित किया गया था।

उन पर और उनके दो अन्य भाइयों…श्रीचंद और प्रकाश हिंदुजा पर स्वीडन की एबी बोफोर्स को भारतीय अनुबंध हासिल करने में मदद करने के लिए अवैध कमीशन के रूप में कुल 64 करोड़ रुपये का भुगतान प्राप्त करने का आरोप लगाया गया था।

हालांकि, तीनों को 2005 में दिल्ली उच्च न्यायालय ने दोषमुक्त करार दिया था।

‘द संडे टाइम्स रिच लिस्ट’ के अनुसार, गोपीचंद हिंदुजा और उनके परिवार ने अपनी कुल संपत्ति में गिरावट के बावजूद, ब्रिटेन के सबसे धनी व्यक्ति के रूप में अपना स्थान बरकरार रखा है। हिंदुजा परिवार की कुल संपत्ति 35.3 अरब पाउंड है, जो पिछले वर्ष के 37.2 अरब पाउंड से कम है।

उनके पिता, परमानंद ने 1914 में ब्रिटिश भारत के सिंध क्षेत्र में कालीन, चाय और मसालों का व्यापार करते हुए कारोबार स्थापित किया था। वह 1919 में सिंध (तब भारत, अब पाकिस्तान) से ईरान चले गए और उनके बेटे भी उनके साथ जुड़ गए। समूह ने तेजी से विभिन्न क्षेत्रों में निवेश किया और भारत के बाहर बॉलीवुड फिल्मों के वितरण में शुरुआती सफलता हासिल की।

परमानंद का 1971 में निधन हो गया। उन्होंने अपने बेटों को एक मंत्र दिया जिसका पालन करने का उन्होंने संकल्प लिया… ‘सब कुछ सबका है और कुछ भी किसी का नहीं है।’

हालांकि, भाई-बहनों के बीच विशाल व्यापारिक साम्राज्य पर नियंत्रण को लेकर विवाद हुआ जिससे उनके समूह के टूटने की संभावना बढ़ गई।

हिंदुजा साम्राज्य में एकमात्र भारतीय स्वामित्व वाला स्विस बैंक, एसपी हिंदुजा बैंकी प्रिवी शामिल है। इसका मुख्यालय जिनेवा में है, इसकी संपत्तियों में मुंबई स्थित बैंक इंडसइंड बैंक लि. और एक संपत्ति निवेश कंपनी शामिल है जिसने प्रमुख भारतीय शहरों में 250 एकड़ से अधिक भूमि खरीदी है।

भाषा रमण अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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