धर्मशाला, आठ दिसंबर (भाषा) हिमाचल प्रदेश के कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने रविवार को कहा कि प्राकृतिक खेती के माध्यम से उत्पादित गेहूं और मक्का के लिए सबसे ज्यादा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देने में प्रदेश अग्रणी बन गया है।
यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए कुमार ने कहा कि सरकार की गारंटी के तहत प्राकृतिक खेती से प्राप्त गेहूं 40 रुपये प्रति किलोग्राम तथा मक्का 30 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीदा जा रहा है, जिससे 1,506 किसान परिवारों को लाभ मिल रहा है तथा 4,000 क्विंटल से अधिक मक्का की खरीद हो चुकी है।
कुमार ने कहा कि 35,000 हेक्टेयर में प्राकृतिक खेती की जा रही है, जिसमें 1.98 लाख किसान शामिल हैं।
मंत्री ने कहा, “उनकी सहायता के लिए, 1.5 लाख से अधिक किसानों को निःशुल्क प्रमाणीकरण प्राप्त हुआ है, और इस वर्ष 36,000 से अधिक किसानों को प्राकृतिक खेती की पहल से जोड़ा जा रहा है। प्राकृतिक खेती के उत्पादों की बिक्री को सुव्यवस्थित करने के लिए 10 कृषि मंडियों में बुनियादी ढांचे को उन्नत करने का काम चल रहा है।”
उन्होंने कहा, “राजीव गांधी स्टार्टअप योजना के तीसरे चरण के तहत 680 करोड़ रुपये की लागत से सरकार का लक्ष्य कृषि को रोजगार के अवसरों से जोड़ना है। राज्य जल्द ही प्राकृतिक खेती से मक्का के आटे का ब्रांड हिमभोग भी पेश करने की योजना बना रहा है। इसके अलावा, डेयरी किसानों को सहायता देने के लिए गाय का दूध 45 रुपये प्रति लीटर और भैंस का दूध 55 रुपये प्रति लीटर की दर पर खरीदा जा रहा है।”
मंत्री ने केंद्र सरकार की ओर से 9,000 करोड़ रुपये की लंबित आपदा राहत पर भी चिंता व्यक्त की।
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