मुंबई, 20 जुलाई (भाषा) भारत में सोने के आभूषणों की मांग चालू वित्त वर्ष में पांच प्रतिशत घटकर 550 टन रह सकती है। इसकी मुख्य वजह सीमा शुल्क में बढ़ोतरी है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने बुधवार को कहा कि 30 जून को सोने पर सीमा शुल्क को पांच प्रतिशत बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत किये जाने से चालू वित्त वर्ष में स्वर्ण आभूषणों के खुदरा विक्रेताओं की राजस्व वृद्धि स्थिर रहने की संभावना है।
इसमें कहा गया है कि सीमा शुल्क में इस वृद्धि का बोझ खुदरा विक्रेताओं को ग्राहकों पर डालना होगा, जिससे मांग में कमी आएगी और विवेकाधीन खरीदार खरीद से बचेंगे।
रिपोर्ट के अनुसार, सीमा शुल्क वृद्धि से अंतिम उपभोक्ताओं के लिए सोने की कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना है और मात्रा के मामले में मांग में कमी आ सकती है। चालू वित्त वर्ष में मांग पांच प्रतिशत घटकर 550 टन रहने की संभावना है। एक साल पहले की समान अवधि में यह 580 टन रही थी।
पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में महामारी के कारण उत्पन्न हुए व्यवधानों के समाप्त होने के बाद फरवरी, 2021 में मांग में वृद्धि और आयात शुल्क में पांच प्रतिशत की कटौती से बिक्री में तेज उछाल आया, जो इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भी जारी रहा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि सोने की ऊंची कीमतें बिक्री की मात्रा में नुकसान की भरपाई करेंगी और यह सुनिश्चित करेंगी कि उद्योग का राजस्व पिछले साल की तुलना में स्थिर रहे, लेकिन परिचालन लाभ प्रभावित होगा।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘आयात शुल्क बढ़ने की वजह से सोने की कीमतों में वृद्धि के साथ, स्वर्ण आभूषणों के खुदरा विक्रेताओं को बिक्री बढ़ाने के लिए नवीन बिक्री विधियों को अपनाना होगा और प्रचार योजनाएं शुरू करनी होंगी।
भाषा राजेश राजेश अजय
अजय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.