नयी दिल्ली, 12 अप्रैल (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय मंगलवार को बीएसईएस राजधानी पावर लि. की याचिका के संदर्भ में टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लि. (टाटा पावर डीडीएल) के आवेदन पर सुनवाई को राजी हो गया। दिल्ली की बिजली वितरण कंपनी बीएसईएस राजधानी पावर ने बिजली मंत्रालय के दादरी तापीय बिजलीघर में उत्पादित बिजली राष्ट्रीय राजधानी से हरियाणा को दिये जाने के आदेश को चुनौती दी है।
न्यायाधीश यशवंत वर्मा ने टाटा पावर डीडीएल को अदालत के समक्ष चल रहे मामले में पक्ष बनने की अनुमति दे दी। कंपनी उत्तरी दिल्ली में बिजली वितरण करती है।
अदालत ने कहा, ‘‘अपीलकर्ता को मामले में शामिल होने की अनुमति दी जाती है।’’
कंपनी की तरफ से पेश अधिवक्ता ने कहा कि टाटा पावर डीडीएल भी फैसले से उतनी ही प्रभावित है जितना कि बीएसईएस राजधानी पावर। कुल आवंटन में उसकी हिस्सेदारी 10 मेगावॉट है।
उच्च न्यायालय ने 30 मार्च को दादरी-दो तापीय बिजलीघर से उत्पादित बिजली हरियाणा को स्थानांतरित करने के केंद्र के आदेश पर रोक लगा दी थी। अदालत ने एक अप्रैल को रोक की अवधि 29 अप्रैल तक बढ़ा दी और केंद्र को मामले में अपनी बात रखने के लिये समय दिया।
केंद्र ने कहा था कि यह कोई पहली बार नहीं है, जब बिजली का पुन:आवंटन किया गया है। ऐसा पहले भी हो चुका है।
याचिकाकर्ता वितरण कंपनी का दावा है कि इस फैसले के लागू होने से राष्ट्रीय राजधानी की 23 प्रतिशत आबादी बिजली से वंचित हो जाएगी।
भाषा
रमण अजय
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