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गुरूवार, 12 जून, 2025
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हेलमेट विनिर्माता स्टीलबर्ड अगले तीन साल में 400 करोड़ रुपये का निवेश करेगी

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नयी दिल्ली, 12 जून (भाषा) हेलमेट बनाने वाली घरेलू कंपनी स्टीलबर्ड हाईटेक इंडिया लि. नया कारखाना लगाने और क्षमता विस्तार पर अगले तीन साल में 400 करोड़ रुपये निवेश करेगी। इसका चालू वित्त वर्ष में 1,000 लोगों को नौकरी देने का भी लक्ष्य है।

स्टीलबर्ड के प्रबंध निदेशक राजीव कपूर ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कंपनी हिमाचल प्रदेश में हेलमेट बनाने का नया कारखाना लगा रही है। फिलहाल उसके हिमाचल प्रदेश में छह और उत्तर प्रदेश के नोएडा में तीन कारखाने हैं।

कपूर ने यहां ‘वल्नरेबल रोड यूजर्स एंड रोड सेफ्टी’ विषय पर आयोजित सम्मेलन के दौरान संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘कंपनी की वित्त वर्ष 2027-28 तक 400 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना है। यह निवेश हिमाचल प्रदेश के बद्दी में नया कारखाना लगाने और क्षमता विस्तार में किया जाएगा।’’

उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी चालू वित्त वर्ष में 1,000 कर्मचारियों को नियुक्त करेगी। वर्तमान में कंपनी के कर्मचारियों की संख्या 4,000 है।

निवेश राशि के स्रोत के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि 25 प्रतिशत राशि आंतरिक स्रोत जबकि 75 प्रतिशत कर्ज के जरिये जुटाई जाएगी।

वर्तमान में देश में संगठित क्षेत्र में तीन करोड़ हेलमेट बनते हैं। इसमें स्टीलबर्ड की बाजार हिस्सेदारी लगभग 30 प्रतिशत है।

एक अन्य सवाल के जवाब में कपूर ने कहा कि फिलहाल कंपनी के अधिकृत बिक्री केंद्रों की संख्या 300 है जिसे अगले तीन साल में बढ़ाकर 1,000 करने का लक्ष्य है। ये बिक्री केंद्र देश के विभिन्न भागों में खोले जाएंगे।

इससे पहले, कपूर ने सम्मेलन में ‘मिशन सेव लाइव्स 2.0 इंडिया’ की शुरूआत करते हुए कहा, ‘‘हर दिन भारत में ऐसी कई जानें चली जाती हैं जिन्हें भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) से प्रमाणित हेलमेट के इस्तेमाल से बचाया जा सकता था।’’

हेलमेट मैनुफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष की भी जिम्मेदारी संभाल रहे कपूर ने कहा, “यह अभियान एक राष्ट्रीय संकल्प है कि हम बीएसआई प्रमाणित हेलमेट को हर दोपहिया चालक और पिछली सीट पर बैठने वाले व्यक्ति के साथ बच्चों के लिए भी सुलभ, सस्ता और अनिवार्य बनाएं।”

उन्होंने हेलमेट पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत करने की भी मांग की।

कपूर ने कहा, ‘‘यह मिशन हेलमेट पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत करने और हेलमेट को आवश्यक एवं जीवनरक्षक वस्तु घोषित करने की मांग करता है, ताकि यह आम उपभोक्ता के लिए सस्ता और सुलभ हो सके।’’

इस अभियान के तहत लाइसेंस व्यवस्था में कड़े सुधारों कर भी आह्वान किया गया है। इसमें बीआईएस लाइसेंस धारकों का वास्तविक समय पर सत्यापन और समय-समय पर ऑडिट, लक्षित छापे और नकली हेलमेट का ढांचा खत्म करने के लिए नियमों का कड़ाई से पालन करना शामिल है।

भाषा रमण प्रेम

प्रेम

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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