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Tuesday, 30 September, 2025
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एच-1बी वीजा शुल्क वृद्धि से कारोबार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा: हैप्पिएस्ट माइंड्स

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नयी दिल्ली, 23 सितंबर (भाषा) सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी हैप्पिएस्ट माइंड्स टेक्नोलॉजीज ने मंगलवार को कहा कि उसके अधिकतर कर्मचारी भारत में स्थित हैं और एच-1बी वीजा शुल्क में हाल में की गयी वृद्धि से उसके परिचालन और व्यावसायिक परिदृश्य पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने पिछले सप्ताह एच-1बी वीजा पर एकमुश्त 1,00,000 अमेरिकी डॉलर का शुल्क लगाने की घोषणा की थी।

यूएससीआईएस (यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज) ने स्पष्ट किया है कि यह शुल्क समयसीमा से पहले दायर किसी भी आवेदन, पहले जारी किए गए एच-1बी वीजा, नवीनीकरण आवेदनों और अमेरिका में फिर से प्रवेश करने वाले एच-1बी धारकों पर लागू नहीं होगा।

हैप्पिएस्ट माइंड्स के प्रबंध निदेशक वेंकटरमन नारायणन ने कहा कि वीजा शुल्क वृद्धि का कंपनी के कारोबार पर नगण्य प्रभाव पड़ेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 14 वर्षों में, हमने एक मजबूत ऑफशोर-केंद्रित डिलिवरी मॉडल तैयार किया है। जिसमें हमारे 94 प्रतिशत कर्मचारी भारत में कार्यरत हैं और हमारा लगभग 95 प्रतिशत राजस्व अमेरिका में परिचालन से बाहर से आता है। यह रणनीतिक दृष्टिकोण न केवल लागत दक्षता को बढ़ाता है, बल्कि हमें दुनिया भर में अपने ग्राहकों को लगातार उच्च-गुणवत्ता वाले डिजिटल समाधान प्रदान करने में भी सक्षम बनाता है।’’

हैप्पिएस्ट माइंड्स के जून, 2025 तक, 43 वैश्विक कार्यालयों में 6,500 से अधिक कर्मचारी हैं और यह 280 से अधिक ग्राहकों को सेवा प्रदान करता है।

कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) जोसेफ अनंतराजू ने कहा, ‘‘वर्ष 2024 और वर्ष 2025 में अब तक, हमारे केवल चार और दो कर्मचारी ही एच-1बी वीजा पर अमेरिका गए हैं। यह हमारी वीजा निर्भरता को कम करते हुए विदेशों में अपनी उपस्थिति बढ़ाने की रणनीति के अनुरूप है।’’

भाषा रमण अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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