नयी दिल्ली, नौ मार्च (भाषा) माल एवं सेवा कर (जीएसटी) अधिकारियों ने वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनी भारतपे के खिलाफ जीएसटी की कथित चारी के मामले में चल रही अपनी जांच के दायरे को बढ़ाया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि जीएसटी अधिकारी अब कंपनी से हटाए जा चुके सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर के नजदीकी लोगों द्वारा फर्जी बिलों या चालान की भी जांच करेंगे।
जीएसटी अधिकारी कंपनी के पिछले चार साल के बही-खातों की जांच कर रहे हैं। इसके जरिये वे यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या सेवाओं के लिए भी फर्जी बिल जारी किए गए हैं।
भारतपे के निदेशक मंडल ने पूर्व प्रबंध निदेशक ग्रोवर और उनकी पत्नी माधुरी जैन को कथित अनियमितताओं का दोषी पाए जाने के बाद कंपनी में सभी पदों से हटा दिया था।
जीएसटी अधिकारी पिछले साल से भारतपे के खिलाफ बिना किसी माल की आपूर्ति के बिल जारी करने के आरोपों की जांच कर रहे हैं।
जीएसटी आसूचना महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने पिछले साल अक्टूबर में वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनी के मुख्य कार्यालय में तलाशी अभियान चलाया था।
एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘कंपनी के खिलाफ बिना माल की आपूर्ति किये चालान जारी कर जीएसटी की कथित चोरी करने को लेकर जांच चल रही है। माधुरी जैन के खिलाफ हाल में आरोपों के बाद हम अब बिना कोई सेवा दिए फर्जी बिल जारी जरने के मामले की भी जांच कर रहे हैं।’’
उल्लेखनीय है कि जीएसटी कानून विभाग को पिछले पांच वर्षों से किसी भी कंपनी के खातों की जांच करने की अनुमति देता है।
भारतपे के निदेशक मंडल ने वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के बाद अधिक विस्तृत जांच करने के लिए एक विधि कंपनी और जोखिम सलाहकारों को नियुक्त किया है।
भाषा जतिन अजय
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