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Friday, 5 September, 2025
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जीएसटी परिषद की बैठक में दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर कर कम होने की संभावना

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नयी दिल्ली, दो सितंबर (भाषा) केंद्र सरकार बुधवार से शुरू हो रही जीएसटी परिषद की दो दिन की बैठक में दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर कर कम करने के लिए माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में महत्वाकांक्षी बदलाव पर विचार कर सकती है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली और सभी राज्यों के प्रतिनिधित्व वाली यह परिषद केंद्र के ‘अगली पीढ़ी’ के जीएसटी सुधार प्रस्ताव पर चर्चा करेगी।

प्रस्तावित सुधारों में मौजूदा 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत के कर स्लैब को हटाकर केवल पांच प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो कर दरें रखना प्रमुख है। इसके अलावा कुछ चुनिंदा वस्तुओं पर 40 प्रतिशत की विशेष दर से कर लिया जाएगा।

कर स्लैब में कटौती और इसके चलते कीमतों में होने वाली कमी का आमतौर पर स्वागत किया गया है, लेकिन विपक्षी दलों के शासन वाले राज्य इस बदलाव के कारण राजस्व में किसी भी नुकसान की भरपाई की मांग कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त को अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में जीएसटी सुधारों की योजना के बारे में बताया था। इसके तुरंत बाद केंद्र सरकार ने प्रारंभिक समीक्षा के लिए विभिन्न राज्यों के मंत्रियों के एक समूह (जीओएम) के साथ प्रस्तावित सुधार का एक खाका साझा किया।

जीओएम ने कर दरों को कम करने के केंद्र के प्रस्ताव पर सहमति जताई है। परिषद 3-4 सितंबर को इन सिफारिशों पर विचार करेगी।

मामले से अवगत सूत्रों ने बताया कि स्लैब में बदलावों से मोटे तौर पर सहमत होते हुए मंत्री समूह ने 40 लाख रुपये तक कीमत वाले इलेक्ट्रिक वाहन पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने का समर्थन किया है। हालांकि, केंद्र सरकार इलेक्ट्रिक वाहन को प्रोत्साहन देना चाहती है और उनसे पांच प्रतिशत की दर का समर्थन किया है।

इसके अलावा घी, मेवे, पीने के पानी (20 लीटर), नमकीन, कुछ जूते और परिधान, दवाइयां और चिकित्सा उपकरण जैसी ज्यादातर आम इस्तेमाल की वस्तुओं को 12 प्रतिशत से पांच प्रतिशत कर स्लैब में लाने की संभावना है। पेंसिल, साइकिल, छाते से लेकर हेयर पिन जैसी आम उपयोग की वस्तुओं को भी पांच प्रतिशत के स्लैब में लाया जा सकता है।

कुछ श्रेणी के टीवी, वॉशिंग मशीन और रेफ्रिजरेटर जैसी इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं की कीमतों में कमी होने की भी संभावना है, क्योंकि इन पर मौजूदा 28 प्रतिशत की तुलना में 18 प्रतिशत की दर से कर लगाया जा सकता है।

वाहनों पर इस समय 28 प्रतिशत की उच्चतम दर और क्षतिपूर्ति उपकर लागू है, लेकिन अब उन पर अलग-अलग दरें लागू हो सकती हैं। शुरुआती स्तर की कारों पर 18 प्रतिशत की दर लागू होगी, जबकि एसयूवी और लक्जरी कारों पर 40 प्रतिशत की विशेष दर लागू होगी।

इसके अलावा 40 प्रतिशत की विशेष दर अवगुणों से संबंधित वस्तुओं, जैसे तंबाकू, पान मसाला और सिगरेट पर भी लागू होगी। इस श्रेणी के लिए इस दर के ऊपर एक अतिरिक्त कर भी लगाया जा सकता है।

पश्चिम बंगाल जैसे विपक्षी राज्यों ने मांग की है कि 40 प्रतिशत की दर के ऊपर लगाया गया कोई भी कर राज्यों के साथ साझा किया जाना चाहिए, ताकि उनके राजस्व घाटे की भरपाई की जा सके। विपक्षी दलों के शासन वाले आठ राज्यों में हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल, पंजाब, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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