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Friday, 1 November, 2024
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कोविड-19 की दावाओं पर GST में कटौती, वैक्सीन पर 5% टैक्स की दर बरकार

वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि टीके पर पांच प्रतिशत की दर से आम आदमी पर किसी तरह का अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा, क्योंकि सरकार टीके खुद खरीदकर लोगों को मुफ्त उपलब्ध कराएगी.

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नई दिल्ली: जीएसटी परिषद ने कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच इस महामारी के इलाज में काम आने वाली कुछ दवाओं और उपकरणों पर कर की दर में कटौती का फैसला किया है. हालांकि, कोविड के टीके पर पांच प्रतिशत की कर की दर ही बनी रहेगी.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में शनिवार को हुई जीएसटी परिषद की 44वीं बैठक में कोविड-19 के इलाज में काम आने वाली दवाओं रेमडिसिविर और टोसिलिजुमैब तथा ऑक्सीजन कन्सनट्रेटर और अन्य उपकरणों पर कर की दर को घटाया गया है.

परिषद की विभिन्न राज्यों के मंत्रियों के समूह (जीओएम) की सिफारिश पर गौर करते हुए कोविड-19 की दवा टोसिलिजुमैब तथा ब्लैक फंगस की दवा एम्फोटेरिसिन बी पर कर समाप्त कर दिया है. अभी इनपर कर की दर पांच प्रतिशत थी.

इसके साथ ही हैंड सैनिटाइजर, पल्स ऑक्सीमीटर, बीआईपीएपी मशीन, परीक्षण किट, एम्बुलेंस और तापमान मापने वाले उपकरणों पर भी जीएसटी में कटौती की गई है. कुल 18 उत्पादों पर जीएसटी दर में कमी की गई है.

हालांकि, कोविड-19 के टीके पर पांच प्रतिशत की दर कायम रहेगी. इससे विनिर्माताओं को कच्चे माल पर किए गए कर के भुगतान का लाभ लेने की छूट मिलेगी.

वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि टीके पर पांच प्रतिशत की दर से आम आदमी पर किसी तरह का अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा, क्योंकि सरकार टीके खुद खरीदकर लोगों को मुफ्त उपलब्ध कराएगी.

मेघालय के उपमुख्यमंत्री कोनराड संगमा की अगुवाई वाले मंत्री समूह की सिफारिशों के आधार पर करों में कटौती की गई है. यह कटौती 30 सितंबर, 2021 तक प्रभावी रहेगी.

जीएसटी परिषद की बैठक के बाद सीतारमण ने संवाददाताओं से कहा, ‘मंत्री समूह की सिफारिशों में उल्लेखनीय बदलाव का सुझाव दिया गया था. कई ऐसे उत्पाद जिनपर कर की दर 18 और 12 प्रतिशत थी उन्हें अब पांच प्रतिशत के स्लैब में लाया गया है. मंत्री समूह की सिफारिशों सही तथ्यों पर आधारित थीं. परिषद ने मंत्री समूह के सुझाव मानने का फैसला किया.’

हालांकि, कोविड-19 के टीके पर कर की दर को पांच प्रतिशत पर ही रखा गया है. परिषद का मानना है कि टीके की ज्यादातर खरीद केंद्र द्वारा की जाएगी और इसे लोगों को मुफ्त उपलब्ध कराया जाएगा. ऐसे में इस पर पांच प्रतिशत की दर को कायम रखा जा सकता है.

वित्त मंत्री ने कहा, ‘केंद्र सरकार टीकों की 75 प्रतिशत खरीद कर रही है ओर जीएसटी भी दे रही है. लेकिन लोगों पर जीएसटी का प्रभाव शून्य रहेगा क्योंकि उन्हें टीका मुफ्त उपलब्ध कराया जाएगा.’

राजस्व सचिव तरुण बजाज ने कहा कि टीके पर पांच प्रतिशत की कर दर कायम रहेगी. जीएसटी परिषद ने इसपर विचार किया. कम से कम 75 प्रतिशत टीके केंद्र सरकार द्वारा खरीदे जाएंगे.

बजाज ने कहा कि जीएसटी दरों में कटौती की अधिसूचना कल या परसों जारी कर दी जाएगी.

टोसिलिजुमैब और एम्फोटेरिसिन पर कर को समाप्त कर दिया गया है. अभी इनपर कर की दर पांच प्रतिशत थी.

रेमडिसिविर और हेपारिन पर जीएसटी की दर 12 से घटाकर पांच प्रतिशत की गई है. एम्बुलेंस पर जीएसटी को 28 से घटाकर 12 प्रतिशत किया गया है.

इसके साथ ही उपकरणों मसलन ऑक्सीजन कन्सनट्रेटर तथा चिकित्सा ग्रेड ऑक्सीजन पर कर की दर में कटौती की है. इन पर जीएसटी की दर 12 से घटाकर पांच प्रतिशत की गई है. वेंटिलेटर, बीआईपीएपी मशीनों तथा एचएफएनसी उपकरणों पर भी कर की दर को 12 से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है.

कोविड जांच किट पर अब पांच प्रतिशत कर देय होगा. अभी तक इस पर 12 प्रतिशत कर लगता था.

हैंड सैनिटाइजर, तापमान जांच उपकरणों पर कर की दर को 18 से घटाकर पांच प्रतिशत किया गया है.

जीएसटी परिषद की पिछली बैठक 28 मई को हुई थी जिसमें कोविड-19 टीके और चिकित्सा सामग्री की दरों में बदलाव नहीं किया गया था. उस समय भाजपा और विपक्ष शासित राज्यों में इस बात को लेकर मतभेद उभरे थे कि क्या कर कटौती का लाभ आम लोगों तक पहुंच पाएगा. कोविड-19 से संबंधित आवश्यक सामान पर दरों का सुझाव देने के लिए मंत्री समूह का गठन किया गया था.

मंत्री समूह के अन्य सदस्यों में गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिनभाई पटेल, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार, गोवा के परिवहन मंत्री मोविन गोडिन्हो, केरल के वित्त मंत्री के एन बालागोपाल, ओडिशा के वित्त मंत्री निरंजन पुजारी, तेलंगाना के वित्त मंत्री टी हरीश राव और उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना शामिल थे.


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