वाशिंगटन, 21 जुलाई (भाषा) हरित वित्तपोषण अगले 25 वर्षों में भारत और अमेरिका के आर्थिक संबंधों का एक उज्ज्वल और मजबूत आधार बन सकता है। अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने मंगलवार को यह बात कही।
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के पास जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का नेतृत्व करने का इरादा और इच्छाशक्ति है।
संधू ने कहा कि वैश्विक स्तर पर हरित अर्थव्यवस्था में विविधता है, लेकिन यह कुछ देशों पर केंद्रित है। यह भारत जैसे नए और उभरते बाजारों की खोज के लिए बाध्य है।
संधू ने भारत और अमेरिका के बीच हरित वित्तपोषण सहयोग पर दो दिन के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मेरा मानना है कि अगले 25 वर्षों के दौरान बढ़ते अमेरिका-भारत आर्थिक संबंधों में हरित वित्त एक उज्ज्वल और मजबूत आधार बन सकता है।’’
यह कार्यक्रम वाशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास द्वारा उद्योग मंडल (फिक्की) के सहयोग से आयोजित किया गया था और इसमें दुनियाभर से 300 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।
उन्होंने कोविड-19 महामारी का हवाला देते हुए कहा, ‘‘भारत और अमेरिका स्वाभाविक साझेदार हैं, जिन्होंने हर बार साबित किया है कि वे एक साथ काम कर सकते हैं और अपनी ताकत को जोड़ सकते हैं।’’
उन्होंने कहा कि दोनों देश जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का नेतृत्व करने की मंशा रखते हैं।
भाषा रिया अजय
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