नयी दिल्ली, 31 मार्च (भाषा) केंद्र सरकार अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए राजस्व में अंतर को पूरा करने को लेकर वित्त वर्ष 2022-23 की पहली छमाही में कर्ज के जरिये 8.45 लाख करोड़ रुपये जुटाने पर विचार कर रही है।
वित्त मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि कुल 14.31 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित सकल बाजार उधारी में 8.45 लाख करोड़ रुपये पहली छमाही में जुटाने की योजना है। यह सरकार की कुल उधारी योजना का 60 प्रतिशत है।
पहली छमाही में अधिक उधारी का मकसद पूंजी व्यय को गति देना है। इसका अर्थव्यवस्था पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा।
बजट दस्तावेज के अनुसार, 2022-23 के लिये दिनांकित प्रतिभूतियों (दीर्घकालीन अवधि की प्रतिभूति) के जरिये सकल बाजार उधारी 14,95,000 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। लेकिन 28 जनवरी, 2022 को सरकारी प्रतिभूतियों की पुनर्खरीद (स्विच ऑपरेशन) को देखते हुए दिनांकित प्रतिभूतियों के जरिये सकल उधारी 14,31,352 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
वित्त वर्ष 2021-22 में सरकार ने कुल 12,05,500 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था।
ट्रेजरी बिल के तहत वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में साप्ताहिक आधार पर 33,000-34,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है। यह तिमाही के दौरान शुद्ध रूप से 2.40 लाख करोड़ रुपये बैठेगा।
भाषा
रमण अजय
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