नयी दिल्ली, 26 अक्टूबर (भाषा) सरकार देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की वृद्धि की पूर्ण क्षमता हासिल करने और निवेशकों को बेहतर रिटर्न के लिए अपनी उत्पाद रणनीति में बदलाव के लिए ‘प्रेरित’ कर रही है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
एलआईसी 17 मई को शेयर बाजारों में सूचीबद्ध हुई थी। तब से कंपनी का शेयर अपने निर्गम मूल्य 949 रुपये से काफी नीचे आ चुका है। कंपनी का शेयर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर 872 रुपये के भाव पर सूचीबद्ध हुआ था। मंगलवार को कंपनी का शेयर 595.50 रुपये पर बंद हुआ।
हालांकि, विदेशी ब्रोकरेज₨ कंपनियां एलआईसी के शेयर को लेकर ‘आशावादी’ हैं। ब्रोकरेज कंपनियों ने अगले साल के लिए कंपनी के शेयर का लक्ष्य काफी ऊंचा तय किया है।
सिटी ने 14 अक्टूबर की एक शोध रिपोर्ट में एलआईसी के शेयर के लिए 1,000 रुपये का लक्ष्य निर्धारित किया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि एलआईसी ‘परिपक्व वैश्विक कंपनियों की तुलना में बेहतर स्थिति में है।’
वित्त मंत्रालय कंपनी के प्रदर्शन की समीक्षा के दौरान एलआईसी प्रबंधन को उन कदमों के बारे में जागरूक कर रहा है, जो निवेशकों की पूंजी बढ़ाने में सहायक हो सकते हैं।
अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘सूचीबद्धता के साथ 65 साल से अधिक पुराने संस्थान के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है।”
उन्होंने कहा कि हम प्रबंधन के साथ काम कर रहे हैं ताकि वे अपने उत्पादों की पेशकश का आधुनिकीकरण करें और पॉलिसीधारकों को कम लाभांश का भुगतान करें।
गैर-भागीदारी वाले बीमा उत्पादों में बीमा कंपनियों को पॉलिसीधारकों को लाभांश के रूप में अपने लाभ को साझा करने की जरूरत नहीं होती। वहीं भागीदारी वाले उत्पादों में बीमा कंपनियों को बीमा कंपनियों को पॉलिसीधारकों को लाभांश देना होता है।
एलआईसी का पहली तिमाही का एकल शुद्ध लाभ 2.94 करोड़ रुपये से बढ़कर 682.88 करोड़ रुपये हो गया।
एलआईसी के आईपीओ से सरकार को 21,000 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे।
मंगलवार को एलआईसी का शेयर पिछले बंद के मुकाबले 0.72 प्रतिशत की गिरावट के साथ 595.50 रुपये पर बंद हुआ।
भाषा रिया अजय
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