मुंबई, 26 सितंबर (भाषा) केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों का निवेशक समुदाय द्वारा कम मूल्यांकन किए जाने पर नाखुशी जताई।
पुरी ने यहां संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा कि सरकार दक्षता बढ़ाने के लिए इन सार्वजनिक तेल कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी की आंशिक बिक्री पर विचार कर सकती है लेकिन इनके पूर्ण निजीकरण का कोई इरादा नहीं है।
इसके साथ ही पेट्रोलियम मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेश लिमिटेड (बीपीसीएल) को बेचने की कोई भी योजना नहीं है।
देश में बीपीसीएल को लेकर सार्वजनिक क्षेत्र की तीन पेट्रोलियम कंपनियां हैं। इनमें इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) भी शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि तीनों पेट्रोलियम कंपनियों ने पिछले छह वर्षों में कुल 2.5 लाख करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है। इसके बावजूद इनकी संयुक्त बाजार पूंजी स्विगी और जोमैटो जैसी ऑनलाइन आपूर्ति कंपनियों के बराबर है, जिन्होंने 24,000 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया है।
पुरी ने कहा, “इंडियन ऑयल, एचपीसीएल और बीपीसीएल ने पिछले वर्ष भारतीय कॉरपोरेट क्षेत्र के कुल मुनाफे का 3.3 प्रतिशत योगदान दिया जबकि इनका बाजार मूल्य एक प्रतिशत से कम है। हमें लगता है कि इन सार्वजनिक पेट्रोलियम कंपनियों का मूल्यांकन कम हुआ है।”
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सरकारी स्वामित्व होने से निवेशक इन कंपनियों को एक संकीर्ण नजरिये से देख रहे हैं।
अधिकारी ने कहा, ‘इसके साथ यह धारणा भी है कि सरकार ईंधन की कीमतों में कमी के लिए इनकी लाभप्रदता को सीमित कर सकती है।’
हालांकि पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों को पूरी स्वायत्तता प्राप्त है और ये लाभांश के माध्यम से निवेश पर बेहतर रिटर्न देती हैं, जबकि कुछ निजी कंपनियां ऐसा नहीं करती हैं।
सकल रिफाइनिंग मार्जिन (जीआरएम) के बारे में पूछे गए सवाल पर इंडियन ऑयल के चेयरमैन ए. एस. साहनी ने कहा कि सभी सार्वजनिक पेट्रोलियम कंपनियां अगले वित्तीय परिणामों से रिलायंस इंडस्ट्रीज द्वारा अपनाई जाने वाली पद्धति से ही जीआरएम का आंकड़ा देंगी।
रसोई गैस सिलेंडर के कारोबार में लागत के मुकाबले कम आय होने पर पुरी ने कहा कि कंपनियों ने समय पर अपने पैसे वसूल किए और किसी प्रकार की शिकायत नहीं हुई।
उन्होंने एथनॉल मिश्रण पर चिंता को ‘विशुद्ध बकवास’ करार देते हुए कहा कि सरकार का पेट्रोल में 20 प्रतिशत मिश्रण की सीमा को आगे बढ़ाने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा कि एथनॉल मिश्रित पेट्रोल का इंजन की माइलेज या आयु पर कोई प्रभाव नहीं होता है।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
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