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शुक्रवार, 20 जून, 2025
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सरकार के गेहूं बेचने से कीमतों में 5-6 रुपये प्रति किलो तक हो सकती है गिरावट: आटा मिल संगठन

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नयी दिल्ली, 26 जनवरी (भाषा) आटा मिलों के शीर्ष संगठन ने 30 लाख टन गेहूं को खुले बाजार में बेचने के सरकार के फैसले की बृहस्पतिवार को प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे गेहूं और गेहूं के आटे की कीमतों में पांच से छह रुपये प्रति किलोग्राम तक की गिरावट आएगी।

गेहूं और गेहूं के आटे की बढ़ती कीमतों पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार ने बुधवार को अपने बफर भंडार से 30 लाख टन गेहूं को खुले बाजार में बेचने की घोषणा की थी।

भंडारण को सरकारी भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा अगले दो महीनों में विभिन्न माध्यमों से बेचा जाएगा।

जहां गेहूं आटा मिल मालिकों जैसे थोक व्यापारियों को ई-नीलामी के माध्यम से बेचा जाएगा वहीं गेहूं पीसकर आटा बनाने और उसे जनता तक 29.50 रुपये के अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) में पहुंचाने के लिए एफसीआई गेहूं को सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयां/सहकारिता/संघ, केंद्रीय भंडार/एनसीसीएफ/नेफेड को 23.50 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेचेगा।

रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (आरएफएमएफआई) के अध्यक्ष प्रमोद कुमार ने पीटीआई-भाषा से कहा, ”हम सरकार के कदम का स्वागत करते हैं। यह फैसला एक महीने पहले ही ले लेना चाहिए था। यह सही कदम है। थोक और खुदरा कीमतें जल्द ही पांच-छह रुपये प्रति किलोग्राम तक कम हो जाएंगीं।”

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, प्रमुख शहरों में गेहूं की औसत कीमत बुधवार को 33.43 रुपये प्रति किलोग्राम रही, जबकि पिछले साल इस समय 28.24 रुपये प्रति किलोग्राम थी। गेहूं के आटा की औसत कीमतें 37.95 रुपये प्रति किलोग्राम दर्ज की गईं, जो पिछले साल इसी समय 31.41 रुपये प्रति किलोग्राम थी।

भाषा अनुराग रमण

रमण

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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