नयी दिल्ली, 18 नवंबर (भाषा) सरकार ने मंगलवार को कहा कि उसने विस्कोस स्टेपल फाइबर के लिए गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) की आवश्यकता को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है। कपड़ा उद्योग में कच्चे माल की उपलब्धता सुनिश्चित करने और वृद्धि को बढ़ावा देने को लेकर यह कदम उठाया गया है।
कपड़ा मंत्रालय ने कहा कि विस्कोस स्टेपल फाइबर (वीएसएफ) पर गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) को हटाने से गुणवत्तापूर्ण कच्चे माल तक निर्बाध पहुंच सुनिश्चित होने, वैश्विक प्रतिस्पर्धी क्षमता में वृद्धि होने और इन राष्ट्रीय उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए उद्योग-आधारित विकास को गति मिलने की उम्मीद है।
विस्कोस स्टेपल फाइबर एक मानव निर्मित फाइबर है जो पुनर्जीवित सेल्यूलोज (मुख्यतः लकड़ी के गूदे) से बनता है और इसे कपास जैसी छोटी-छोटी पट्टियों में काटा जाता है। इसका व्यापक रूप से परिधानों और घरेलू वस्त्रों में उपयोग किया जाता है।
यह कदम भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) और प्रमुख उद्योग संगठनों के साथ उचित परामर्श के बाद उठाया गया है।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘यह निर्णय आपूर्ति की कमी और उच्च लागत के बारे में उद्योग की लगातार चिंताओं को दूर करने के लिए लिया गया है। यह कपड़ा विनिर्माताओं, निर्यातकों और एमएसएमई के लिए व्यापार को सुगम बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।’’
यह ऐसे महत्वपूर्ण समय पर आया है जब भारत का कपड़ा क्षेत्र महत्वाकांक्षी दृष्टिकोण 2030 पर आगे बढ़ रहा है। इसका लक्ष्य घरेलू खपत को बढ़ावा देना और 100 अरब डॉलर के निर्यात के लक्ष्य को पूरा करना है, जबकि कुल कपड़ा और परिधान बाजार को 350 अरब अमेरिकी डॉलर तक बढ़ाना है।
मंत्रालय ने कहा कि वह संबंधित पक्षों के साथ बातचीत जारी रखेगा और घरेलू विनिर्माण, निर्यात और रोजगार सृजन की गति को बनाए रखने के लिए साक्ष्य-आधारित नीतियों को प्राथमिकता देगा, जिससे भारत के एक अग्रणी वैश्विक कपड़ा केंद्र के रूप में उभरने का रास्ता साफ होगा।
पिछले सप्ताह, सरकार ने कपड़ा क्षेत्र सहित विभिन्न उद्योगों में इस्तेमाल होने वाले रसायनों और पॉलिमर पर 14 गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों को रद्द किया था। यह एक ऐसा कदम है जिससे भारत को अपने निर्यात को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
भाषा रमण अजय
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