नयी दिल्ली, नौ फरवरी (भाषा) राजस्व सचिव तरुण बजाज ने बुधवार को कहा कि सरकार शेयरों, ऋण और अचल संपत्ति पर पूंजीगत लाभ कर की गणना के लिए विभिन्न दरों और होल्डिंग अवधि में ‘बदलाव’ करने के लिए तैयार है ताकि इस प्रणाली को सरल बनाया जा सके।
आयकर अधिनियम के तहत, चल और अचल दोनों तरह की पूंजीगत संपत्तियों की बिक्री से होने वाला लाभ ‘पूंजीगत लाभ कर’ के दायरे में आता है। हालांकि, अधिनियम के तहत कार, परिधान, फर्नीचर जैसी चल व्यक्तिगत संपत्तियां इस कर के दायरे से बाहर हैं।
बजाज ने कहा कि संपत्तियों पर विविध दरों और होल्डिंग की अवधि के लिहाज से पूंजीगत लाभ का कर ढांचा काफी जटिल है और इसपर फिर से गौर करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘दर, होल्डिंग अवधि के लिहाज से पूंजीगत लाभ ढांचे पर फिर से काम करने की जरूरत है। अगली बार जब भी अवसर मिलेग हम इसमें बदलाव करने को तैयार रहेंगे।’’
उन्होंने कहा कि विभाग भारत जैसे अन्य देशों और विकसित दुनिया में दरों का अध्ययन कर चुका है।
आमतौर पर 36 महीने से अधिक समय तक रखी जाने वाली संपत्ति को दीर्घकालिक संपत्ति कहा जाता है।
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