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Sunday, 22 September, 2024
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सरकार का पूंजीगत व्यय को 35.4 प्रतिशत बढ़ाकर 7.5 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव

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नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) सरकार ने सार्वजनिक निवेश बढ़ाने के लिए अपना पूंजीगत व्यय 35.4 प्रतिशत बढ़ाकर 7.5 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव मंगलवार को रखा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश करते हुए कहा कि निवेश के चक्र को तेज करने के लिए जरूरी है कि सार्वजनिक निवेश निजी निवेश को प्रोत्साहन दे। इस मकसद से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 2.9 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव रखा जा रहा है।

सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा, ‘‘इस समय निजी निवेश को अपनी क्षमता तक बढ़ाने और अर्थव्यवस्था की जरूरतों के लायक बनाने के लिए समर्थन की जरूरत महसूस हो रही है। सार्वजनिक निवेश को इसमें अग्रणी भूमिका बनाए रखनी होगी ताकि वर्ष 2022-23 में निजी निवेश एवं मांग को समर्थन दिया जा सके।’’

उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट में पूंजीगत व्यय के लिए आवंटन को चालू वित्त वर्ष के 5.54 लाख करोड़ रुपये से 35.4 प्रतिशत बढ़ाकर वर्ष 2022-23 में 7.50 लाख करोड़ रुपये किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह 2019-20 के पूंजीगत व्यय के 2.2 गुना से भी अधिक है। वर्ष 2022-23 के लिए पूंजीगत व्यय का आवंटन जीडीपी का 2.9 प्रतिशत होगा।’’

उन्होंने कहा कि पूंजीगत परिसंपत्तियों के सृजन के लिए राज्यों को सहायता अनुदान के तौर पर किए गए प्रावधान के साथ इस पूंजीगत आवंटन को जोड़कर देखें, तो केंद्र सरकार का ‘प्रभावी पूंजीगत व्यय’ अगले वित्त वर्ष में 10.68 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। यह जीडीपी का करीब 4.1 प्रतिशत होगा।

सीतारमण ने कहा कि सरकार हरित अवसंरचना के विकास के लिए संसाधन जुटाने के इरादे से हरित बॉन्ड भी लेकर आएगी। यह वर्ष 2022-23 में सरकार के कर्ज कार्यक्रम के जरिये जुटाई जाने वाली 11.58 लाख करोड़ रुपये की राशि का हिस्सा होगा।

उन्होंने कहा कि हरित बॉन्ड से जुटाई गई रकम सार्वजनिक क्षेत्र की परियोजनाओं में लगाई जाएगी जिससे अर्थव्यवस्था की कार्बन सघनता कम करने में मदद मिलेगी।

भाषा

प्रेम अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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