नयी दिल्ली, पांच अप्रैल (भाषा) सरकार ने एथनॉल परियोजनाओं के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत ऋण वितरण की समयसीमा इस वर्ष 30 सितंबर तक बढ़ाई है ताकि घरेलू उत्पादन को बढ़ाया जा सके और वर्ष 2025 तक पेट्रोल में एथनॉल के 20 प्रतिशत सम्मिश्रण लक्ष्य हासिल किया जा सके।
सरकार ने एक बयान में कहा कि उसने वर्ष 2018-2021 के दौरान अधिसूचित सभी योजनाओं के संबंध में ऋण के वितरण की समयसीमा 30 सितंबर, 2022 तक बढ़ाने का फैसला किया है।
इस कदम का उद्देश्य संस्थाओं को अपनी परियोजनाओं को पूरा करने और ब्याज सहायता का लाभ उठाने में सुविधा प्रदान करना है।
केंद्र ने वर्ष 2018-21 के दौरान चीनी मिलों और डिस्टिलरी के लिए विभिन्न ब्याज सहायता योजनाओं को अधिसूचित किया है, विशेष रूप से अधिशेष उत्पादन के दिनों में एथनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम के तहत इसका उत्पादन और इसकी आपूर्ति को बढ़ाने के लिए ऐसा किया गया है। इससे चीनी मिलों की नकदी की स्थिति में भी सुधार होगा जिससे वे किसानों का गन्ना मूल्य बकाया चुकाने में सक्षम होंगी।
सरकार एक वर्ष छूट अवधि सहित पांच वर्षों के लिए बैंकों द्वारा दिए जाने वाले ऋण पर छह प्रतिशत सालाना या बैंकों द्वारा वसूली जाने वाली ब्याज दर का 50 प्रतिशत, जो भी कम हो, पर ब्याज सहायता के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है।
योजनाओं के तहत एथनॉल परियोजनाओं के लिए ऋण के वितरण की समयसीमा मार्च/अप्रैल, 2022 तक है।
भाषा राजेश राजेश अजय
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