नयी दिल्ली, दो मार्च (भाषा) सरकार ने सोशल मीडिया और अन्य मंचों के लिए एक परामर्श जारी कर परीक्षण से गुजर रहे एआई को तैनात करने से पहले उपयोगकर्ताओं की मंजूरी लेने को कहा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बारे में सवालों पर गूगल के एआई मंच के जवाब से विवाद पैदा होने के कुछ दिनों बाद यह परामर्श जारी किया गया।
परामर्श में परीक्षण से गुजर रहे एआई पर इस बात की सूचना देने और गैरकानूनी होस्टिंग को रोकने की बात भी कही गई।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एक मार्च को जारी इस परामर्श में अनुपालन नहीं करने पर आपराधिक कार्रवाई की चेतावनी दी।
इसमें कहा गया कि सभी मंचों, मध्यस्थों और सक्षम सॉफ्टवेयर को किसी भी उल्लंघन के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर एक सवाल के जवाब में एआई टूल ‘जैमिनी’ की आपत्तिजनक प्रतिक्रिया और पूर्वाग्रह को लेकर गूगल को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था।
इस पर केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने चेतावनी दी थी कि प्रधानमंत्री से जुड़े सवाल पर गूगल के एआई टूल जैमिनी की प्रतिक्रिया आईटी नियमों के साथ ही आपराधिक संहिता के कई प्रावधानों का सीधा उल्लंघन है।
जैमिनी से जब इसी तरह का सवाल ट्रंप या जेलेंस्की के बारे में पूछा गया, तो उसने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। गूगल ने अपनी सफाई में कहा कि जैमिनी अभी परीक्षण के दौर से गुजर रहा है और कंपनी ने इस मुद्दे को हल करने के लिए तेजी से काम किया है।
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शनिवार को कहा कि गूगल जैमिनी का प्रकरण बहुत शर्मनाक है, और इस बात पर भरोसा नहीं किया जा सकता कि एआई मंच का परीक्षण चल रहा था।
उन्होंने आगे कहा, ”मैं सभी मंचों को सलाह देता हूं कि वे भारतीय सार्वजनिक इंटरनेट पर किसी भी परीक्षण से गुजर रहे प्लेटफॉर्म को तैनात करने से पहले उपयोगकर्ताओं को इस बारे में स्पष्ट रूप से बताएं और उनसे सहमति लें।”
मंत्री ने कहा कि बाद में माफी मांगकर कोई भी जवाबदेही से बच नहीं सकता है।
भाषा पाण्डेय
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