नयी दिल्ली, दो अप्रैल (भाषा) इस साल भीषण गर्मी पड़ने से बिजली की मांग के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के अनुमानों को देखते हुए सरकार ने ताप विद्युत संयंत्रों को बिजली उत्पादन के लिए ‘अग्रिम योजना’ बनाने और गर्मी के मौसम में रखरखाव कार्यों से बचने का निर्देश दिया है।
बिजली मंत्रालय का अनुमान है कि इन गर्मियों के दौरान देश में अधिकतम मांग 260 गीगावाट तक पहुंच सकती है जो पिछले साल सितंबर के रिकॉर्ड 243 गीगावाट से अधिक है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने मंगलवार को पूर्वानुमान लगाया कि भारत में अप्रैल-जून की अवधि में अत्यधिक गर्मी पड़ेगी, जिसका सबसे बुरा प्रभाव मध्य और पश्चिमी प्रायद्वीपीय भागों पर पड़ सकता है।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, केंद्रीय बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने बिजली मांग में बढ़ोतरी की संभावना को देखते हुए कई तैयारी बैठकें की हैं। इनमें गर्मी के दौरान बिजली कटौती को शून्य रखने की जरूरत पर जोर दिया गया।
बिजली मंत्रालय ने कहा, ‘‘बिजली मंत्री ने जोर दिया कि सभी हितधारक पर्याप्त अग्रिम योजना बनाएं ताकि ऐसी स्थिति को रोका जा सके जिसमें एक राज्य के पास अतिरिक्त बिजली हो जबकि दूसरे राज्य को बिजली की किल्लत का सामना करना पड़ रहा हो।’’
बयान के मुताबिक, आयातित कोयले पर आधारित बिजली संयंत्रों द्वारा प्रदान की जाने वाली बिजली को ध्यान में रखते हुए धारा 11 के तहत निर्देशों को 30 सितंबर, 2024 तक बढ़ाया जा सकता है।
इसके अलावा बिजली मंत्री ने बिजली संयंत्रों को अपने नियोजित रखरखाव को अप्रैल-जून के बजाय मानसून के मौसम में स्थानांतरित करने का भी निर्देश दिया है।
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