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Friday, 20 September, 2024
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सरकार का मानसून के दौरान बिजली संयंत्रों में कोयले का भंडार चार करोड़ टन पर पहुंचाने का लक्ष्य

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नयी दिल्ली, 16 जून (भाषा) सरकार मानसून के दौरान बिजली संयंत्रों में कोयले का भंडार बढ़ाकर चार करोड़ टन करने की तैयारी कर रही है। केंद्रीय बिजली मंत्री आर के सिंह ने यह जानकारी दी है।

सिंह ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा कि अभी बिजली संयंत्रों के पास लगभग 2.29 करोड़ टन का भंडार है।

मंत्री ने कोयले की उपलब्धता से संबंधित एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘‘एक अप्रैल को बिजली संयंत्रों में हमारा आरक्षित भंडार 2.4 करोड़ टन था। 30 अप्रैल को भंडारण घटकर 1.9 करोड़ टन रह गया। 15 मई तक यह और घटकर 1.5 करोड़ टन हो गया। हालांकि, कोयला के आयात के बाद यह फिर से बढ़कर लगभग 2.29 करोड़ टन पर पहुंच गया है।’’

सिंह से यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार मानसून के सीजन में उत्पादन और आपूर्ति के मुद्दों को देखते हुए कोयले के आरक्षित भंडार को बढ़ाने की योजना बना रही है, उन्होंने इसका ‘हां’ में जवाब दिया। उन्होंने कहा, ‘‘हर साल बारिश के मौसम में घरेलू कोयले का उत्पादन गिरता है इसलिए हम इसकी तैयारी कर रहे हैं। जुलाई से सिंतबर के बीच मानसून के दौरान तापमान घटने से दैनिक मांग घटकर 21 लाख टन पर आ जाएगी।’’

मंत्री ने कहा, ‘‘इसके साथ ही घरेलू कोयले की आपूर्ति में भी कमी आएगी और यह अंतर बढ़ता जाएगा। इसलिए कोयला आयात किया जा रहा है। मेरा मानना है कि आरक्षित कोयले कम से कम चार करोड़ टन होना चाहिए।’’

भाषा रिया अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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