(लक्ष्मी देवी)
इंदौर, 13 फरवरी (भाषा) मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को यहां कहा कि जी-20 बैठक में कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए नई प्रौद्योगिकी जैसे समाधान सामने आएंगे, जो वैश्विक खाद्य सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिए महत्वपूर्ण है।
चौहान ने यहां कृषि प्रतिनिधियों की पहली बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि तीन मुख्य क्षेत्रों-उत्पादन बढ़ाना, खेती की लागत को कम करना और किसानों को बेहतर कीमत सुनिश्चित करने पर ध्यान केन्द्रित करना समय की मांग है।
उन्होंने कहा कि भारत पहले से ही इस दिशा में काम कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘बढ़ती आबादी के कारण दुनिया के सामने खाद्य सुरक्षा एक बड़ी चिंता है। 2030 तक वैश्विक खाद्यान्न की मांग वर्ष 2000 के 19.2 करोड़ टन की तुलना में 34.5 करोड़ टन होने का अनुमान है।’’
विश्व की कृषि योग्य भूमि का केवल 12 प्रतिशत भाग ही खेती के लिए उपयुक्त है। उन्होंने कहा कि न तो जमीन बढ़ेगी और न ही प्राकृतिक संसाधन।
इसलिए भविष्य की खाद्य मांग को पूरा करने के लिए भूमि और प्राकृतिक संसाधनों का बेहतर तरीके से उपयोग करना और कृषि उत्पादकता में वृद्धि करना जरूरी है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि जी-20 शिखर सम्मेलन स्थानीय संगठनों के माध्यम से नई प्रौद्योगिकी को जोड़कर कृषि क्षेत्र को आगे बढ़ाने में मदद करेगा।’’
मीडिया से अलग से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने बढ़ती जनसंख्या के कारण पूरी दुनिया के सामने खाद्य सुरक्षा की चुनौतियों के बारे में बात की।
उन्होंने कहा कि भारत दुनिया को खिलाने में अपनी सही भूमिका निभाएगा।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने एक प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया जिसमें संबद्ध कृषि क्षेत्र के अलावा मोटे अनाज और इसके मूल्य वर्धित खाद्य उत्पादों को प्रदर्शित किया गया।
तीन दिन के आयोजन के दौरान, जलवायु-स्मार्ट पहल, छोटे किसानों द्वारा जलवायु-स्मार्ट तकनीक को अपनाने के साथ-साथ कृषि बाजार सूचना प्रणाली, गेहूं की पहल, कृषि जोखिम प्रबंधन और खाद्य हानि में कमी जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।
दूसरे दिन केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया आयोजन में उपस्थित रहेंगे।
भाषा राजेश राजेश अजय
अजय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.