नयी दिल्ली, 19 अगस्त (भाषा) निवेश कंपनी फंडामेंटम पार्टनरशिप ने शुरुआती दौर वाली भारतीय स्टार्टअप फर्मों में निवेश के लिए करीब 1,793 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इन्फोसिस के सह-चेयरमैन नंदन नीलेकणि इस कंपनी के सह-संस्थापकों में हैं।
फंडामेंटम पार्टनरशिप के सह-संस्थापक आशीष कुमार ने कहा कि इस निवेश कोष का इस्तेमाल अगले पांच वर्षों में भारतीय स्टार्टअप कंपनियों को शृंखला-बी वित्तपोषण के लिए किया जाएगा। शृंखला-बी वित्तपोषण स्टार्टअप के लिए वित्त जुटाने का दूसरा चरण होता है। इसमें वही कंपनियां शामिल होती हैं जो पहले चरण में खुद को साबित कर चुकी होती हैं।
कुमार ने कहा, ‘‘यह हमारा दूसरा कोष है। हमारी 2.5-4 करोड़ डॉलर के निवेश दौर और हर साल चार-पांच स्टार्टअप में निवेश की योजना है।’’ इस कोष के लिए कंपनी ने 22.7 करोड़ डॉलर की राशि जुटाई है।
फंडामेंटम का पहला कोष करीब 10 करोड़ डॉलर का था जिससे शुरुआती दौर की छह स्टार्टअप इकाइयों को रणनीतिक समर्थन दिया गया था। इसमें फार्मईजी और स्पिनी जैसे स्टार्टअप भी शामिल हैं जो अब यूनिकॉर्न का दर्जा हासिल कर चुके हैं।
कुमार ने कहा कि फंडामेंटम सॉफ्टवेयर सेवाएं देने वाली फर्मों और स्वास्थ्य सेवाओं में निवेश करना चाहेंगी। उन्होंने कहा कि मंदी की आशंकाओं के बावजूद सॉफ्टवेयर सेवा फर्मों की वृद्धि संभावनाएं काफी अच्छी हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी हर साल चार-पांच स्टार्टअप में निवेश की योजना है। हमारी दो स्टार्टअप में निवेश पर बात चल रही है। पहला सौदा एक महीने में ही पूरा हो जाने की उम्मीद है।’’
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