मुंबई, आठ दिसंबर (भाषा) अमेरिका और यूरोप में भारतीय कपड़ों की मांग में कमी के बावजूद ऑस्ट्रेलिया से उम्मीद बनी हुई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया के साथ मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) से भारतीय ‘होम टेक्सटाइल’ निर्यातकों को 2022-23 में बराबरी का मौका मिलेगा।
होम टेक्सटाइल में पहनने वाले कपड़ों को छोड़कर अन्य घरेलू वस्त्र शामिल हैं, जैसे – बिस्तर और पर्दे, घर की साज-सज्जा के कपड़े, चादरें, तकिए और तकिए के कवर तथा कालीन और गलीचा।
इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (इंडरा) की एक रिपोर्ट के अनुसार सोच-विचार कर किये जाने वाले व्यय में कटौती और वह राशि विभिन्न सेवाओं पर खर्च होने से प्रमुख बाजार अमेरिका में आयात कम हुआ है। इससे माल भंडार बढ़ा है।
ऐसे में ‘होम टेक्सटाइल’ खंड में मांग में कमी देखी गई। दूसरी ओर कपास के अन्य खंडों को चीन पर लगाई गए अमेरिकी प्रतिबंधों से फायदा मिला।
हालांकि इंडरा का अनुमान है कि यूरोप, अमेरिका और दुनिया के दूसरे हिस्सों में धीमी मांग का कपड़ा निर्यात पर असर पड़ेगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑस्ट्रेलिया के साथ एफटीए से भारतीय कपड़ा निर्यात पर आयात शुल्क खत्म हो जाएगा, जिससे भारतीय उत्पाद की कीमतें चीन, वियतनाम और बांग्लादेश के बराबर हो जाएंगी।
भाषा पाण्डेय रमण
रमण
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.