scorecardresearch
Monday, 1 December, 2025
होमदेशअर्थजगतनिर्यात को बढ़ावा देने के लिए जूते-चप्पल कारोबार का और विस्तार करने की जरूरत: मुर्मू

निर्यात को बढ़ावा देने के लिए जूते-चप्पल कारोबार का और विस्तार करने की जरूरत: मुर्मू

Text Size:

(तस्वीरों के साथ)

नयी दिल्ली, एक दिसंबर (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को कहा कि भारत दुनिया में जूते-चप्पल (फुटवियर) का एक प्रमुख निर्यातक है तथा इस क्षेत्र से देश के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कारोबार का और विस्तार करने की जरूरत है।

फुटवियर डिजाइन एवं विकास संस्थान (एफडीडीआई) के दीक्षांत समारोह में उन्होंने कहा कि खेलों के तेजी से विकास और गैर-चमड़ा क्षेत्रों में कारोबार के लिए अपार अवसर मौजूद हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय इस क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए कई कदम उठा रहा है।

मुर्मू ने कहा, ‘‘ भारत, दुनिया का एक प्रमुख जूता-चप्पल (फुटवियर) निर्यातक है, लेकिन हमारे निर्यात को और बढ़ावा देने के लिए इस व्यवसाय का और अधिक विस्तार करने की आवश्यकता है।’’

वित्त वर्ष 2024-25 में भारत का जूते-चप्पल (फुटवियर) का निर्यात 2.5 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक और आयात 68 करोड़ अमेरिकी डॉलर था।

राष्ट्रपति ने इस संदर्भ में कहा कि निर्यात, आयात से चार गुना अधिक है और इसमें और वृद्धि होगी।

उन्होंने कहा कि देश जूते-चप्पल के उत्पादन व खपत में दूसरे स्थान पर है। उन्होंने उम्मीद जताई कि देश इस क्षेत्र में दुनिया में अगुवा बनेगा।

मुर्मू ने कहा कि एफडीडीआई और नॉर्थम्पटन विश्वविद्यालय के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भारत तथा ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते के तहत सहयोग को गहरा करने का एक और आयाम है।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह समझौता ज्ञापन टिकाऊ सामग्रियों और संसाधनों का अनुकूलतम उपयोग करने वाली अर्थव्यवस्था प्रथाओं पर विशेष जोर देता है।

इस कार्यक्रम में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि देश के मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) भारतीय कारोबार क्षेत्रों के लिए अपार अवसर प्रदान करेंगे।

उन्होंने कहा कि भारतीय जूते-चप्पल उत्पाद विश्वस्तर पर प्रसिद्ध हैं।

गोयल ने कहा कि ‘प्राडा’ जैसे ब्रांड ने भारत की ‘जीआई-टैग’ वाली कोल्हापुरी चप्पलों को अपनाया है और उन्हें वैश्विक बाजार में ले जाने की कोशिश की है।

उन्होंने कहा, ‘‘ भारत विकसित देशों के साथ कई मुक्त व्यापार समझौते कर रहा है जिससे आपके लिए नए अवसर उपलब्ध होंगे।’’

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने स्नातकों को नए बाजारों, नवाचार और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों के उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव भी दिया।

मंत्रालय के तत्वावधान में 1986 में स्थापित एफडीडीआई एक प्रमुख शैक्षणिक एवं प्रशिक्षण संस्थान है जो जूते-चप्पल, चमड़े के सामान आदि क्षेत्रों के विकास व वृद्धि को समर्पित है।

देश भर में फैले इसके 12 परिसरों के साथ इसकी अखिल भारतीय उपस्थिति है। ये परिसर नोएडा, पटना, कोलकाता, सूरत, जोधपुर, गुना, रोहतक, हैदराबाद, छिंदवाड़ा, फुरसतगंज, चंडीगढ़ और चेन्नई में स्थित हैं।

भाषा निहारिका अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments