नयी दिल्ली, 22 मार्च (भाषा) रेटिंग एजेंसी ‘फिच’ ने रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण ऊर्जा कीमतों में वृद्धि और बढ़ती मुद्रास्फीति के कारण अगले वित्त वर्ष के लिए भारत के वृद्धि दर के अनुमान को 10.3 प्रतिशत से घटाकर 8.5 प्रतिशत कर दिया है।
रेटिंग एजेंसी ने चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि के अनुमान को 0.6 प्रतिशत बढ़ाकर 8.7 प्रतिशत कर दिया है।
फिच ने कहा, ‘‘हालांकि, तेजी से बढ़ती ऊर्जा कीमतों के कारण हमने भारत के लिए वित्त वर्ष 2022-23 में अपने वृद्धि दर के अनुमान को 1.8 प्रतिशत घटाकर 8.5 प्रतिशत कर दिया है।’’ वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था के सात प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है।
फिच ने अपने ‘वैश्विक आर्थिक परिदृश्य- मार्च-2022’ में कहा है कि कोविड-19 महामारी के बाद पुनरुद्धार वैश्विक आपूर्ति के बड़े झटके से प्रभावित हुआ है जिससे वृद्धि घटेगी और मुद्रास्फीति बढ़ेगी।
रेटिंग एजेंसी ने कहा, ‘‘यूक्रेन में चल रहे युद्ध और रूस पर आर्थिक पाबंदियों ने वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति को लेकर संकट खड़ा कर दिया है।’’
पिछले हफ्ते एक और वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कैलेंडर वर्ष 2022 के लिए भारत के वृद्धि दर के अनुमान को 9.5 प्रतिशत से घटाकर 9.1 फीसदी कर दिया था।
फिच ने कहा कि उसने वैश्विक अर्थव्यवस्था के वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 3.5 प्रतिशत कर दिया है।
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